पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी से पैदा पुत्र भी आश्रित में नौकरी का हकदार: HC

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Sep, 2017 03:43 PM

son born from second marriage to first wife  deserves a job in dependent  hc

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला दिया है कि पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी से पैदा पुत्र भी....

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला दिया है कि पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी से पैदा पुत्र भी मृतक आश्रित के रूप में नौकरी पाने का हकदार है।न्यायालय ने कहा है कि भले ही दूसरी शादी शून्य अथवा गलत है लेकिन उससे पैदा हुआ पुत्र अवैध नहीं हो सकता। अदालत ने कहा है कि पत्नी से पैदा पुत्र भले ही वह दूसरी बीवी का हो, उसे हर प्रकार का विधिक हक प्राप्त है।

यह फैसला न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने दिया है। याची पुत्र ने याचिका दायर कर जिलाधिकारी की उस अर्जी को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिसके द्वारा उसकी मृतक आश्रित के रूप में नियुक्ति पत्र देने से इंकार कर दिया गया था। जिलाधिकारी ने कहा था कि याची दूसरी बीवी से पैदा है जो नियमानुसार शून्य विवाह है इस कारण उसे नौकरी पाने का कानूनी हक नहीं है। न्यायालय ने जिलाधिकारी के 17 अगस्त 17 के आदेश को रद्द कर दिया तथा निर्देश दिया कि वह याची की नियुक्ति पर फिर से विचार करे।

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