PM मोदी 2 अप्रैल को उच्च न्यायालय के समापन समारोह में ले सकते हैं हिस्सा

Edited By ,Updated: 22 Mar, 2017 03:32 PM

pm modi can take part in the closing ceremony of the high court on april 2

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर साल भर से चल रहे आयोजनों के समापन समारोह में आगामी 2 अप्रैल को इलाहाबाद में भाग ले सकते है।

इलाहाबाद:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर साल भर से चल रहे आयोजनों के समापन समारोह में आगामी 2 अप्रैल को इलाहाबाद में भाग ले सकते है। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि मोदी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के विशप जौनसन स्कूल में होने वाले समारोह में भाग लेेंगे । हालांकि इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से अभी कोई आधिकारिक जानकारी नही दी गयी है।

इससे पहले पिछले साल 13 मार्च को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उस समय के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय परिसर में साल भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले साल 12 जून को भारतीय जनता पार्टी के 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति के बैठक में भाग लेने के लिए संगम नगरी इलाहाबाद में आए थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय 150 साल पहले अस्तित्व में आया था। 17 मार्च, 2016 को इसने अपनी स्थापना के 150 साल पूरे कर लिए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना उत्तर पश्चिम प्रांत में उच्च न्यायालय के न्यायाधिकरण के तौर पर एक रॉयल चार्टर के तहत हुई थी। इसकी स्थापना 17 मार्च, 1866 में हुई थी और शुरू में आगरा में इसकी एक पीठ थी। बाद में 1869 में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में स्थांनातरित किया गया।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक संस्थान के तौर पर उच्च मानक और आदर्श स्थापित किए हैं। इसकी पीठ और बार दोनों को बौद्धिक सक्षमता और विद्वता के लिए जाना जाता रहा है। बार के सदस्यों ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान किया था। इनमें पंडित मदन मोहन मालवीय, पंडित मोतीलाल नेहरू, सर तेजबहादुर सप्रू, पुरुषोत्तम दास टंडन और पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे लोग शामिल हैं। प्रसिद्ध चौरी-चौरा और मेरठ षड्यंत्र केस जैसे कुछ प्रसिद्ध मामले हैं, जिनमें इस उच्च न्यायालय ने यादगार फैसले सुनाए। ये फैसले ऐसे थे, जिन्होंने आजादी की अवधारणा का समर्थन किया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्याय क्षेत्र देश में सबसे बड़ा है। इसके दायरे में भारत की आबादी का छठवां हिस्सा आता है।

6 जजों से काम शुरू करने वाले इस उच्च न्यायालय में अब 160 जजों की क्षमता है। 1866 में यहां के बार में 6 वकील थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्टरी के अनुसार आज यह संख्या 15000 तक पहुंच गई है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश को मिला कर 88 न्यायाधीश हैं। जबकि इसकी मंजूर क्षमता 160 जजों की है। फरवरी, 2016 के अनुसार इस उच्च न्यायालय में 9,11,908 मामले लंबित हैं। वर्ष 2014 की तुलना में इसकी कमी आई है। वर्ष 2014 में इस उच्च न्यायालय में 10.1 लाख मामले लंबित थे।

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