Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Aug, 2017 10:21 AM
यूपी में योगी सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर मदरसों में हुए ध्वजारोहण व राष्ट्रगान की वीडियो रिकार्डिंग और फोटोग्राफ मंगाए जाने का मामला अब कानूनी पेचीदगियों में फंसता नजर आ रहा है....
इलाहाबादः यूपी में योगी सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर मदरसों में हुए ध्वजारोहण व राष्ट्रगान की वीडियो रिकार्डिंग और फोटोग्राफ मंगाए जाने का मामला अब कानूनी पेचीदगियों में फंसता नजर आ रहा है। योगी सरकार के इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है और इसे मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए सरकारी आदेश को रद्द किए जाने की मांग की गई है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच इस मामले में 29 अगस्त को सुनवाई करेगी।
योगी सरकार के फरमान के खिलाफ हाईकोर्ट में अर्जी इलाहाबाद नवाब महबूब ने दाखिल की है। अर्जी में कहा गया है कि सिर्फ मदरसों से ही ध्वजारोहण व राष्ट्रगान की वीडियो रिकार्डिंग और फोटो मांगना भेदभाव वाला फैसला है, क्योंकि दूसरे स्कूलों के लिए यह अनिवार्य नहीं किया गया है। अर्जी में कहा गया है कि ऐसा करना मदरसों के अनुच्छेद 14 व 30 में मिले मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है, इसलिए इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार ने ने तीन अगस्त को एक आदेश जारी कर यूपी के सभी मदरसों में इस बार पंद्रह अगस्त पर ध्वजारोहण व राष्ट्रगान कराए जाने को कहा था। आदेश में यह भी लिखा था कि मदरसों को सबूत के तौर पर वीडियो रिकार्डिंग और फोटोग्राफ्स भी सौंपने होंगे। इस आदेश के बाद सूबे के ज़्यादातर मदरसों में राष्ट्रगान व ध्वजारोहण दोनों ही किया गया। हालांकि बरेली समेत कुछ जगहों पर इस आदेश को नहीं मानने का एलान भी किया गया था।
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