Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jun, 2017 01:24 PM
एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान तो दूसरी तरफ आगरा पुलिस पीड़ितों को न्याय....
आगरा: एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान तो दूसरी तरफ आगरा पुलिस पीड़ितों को न्याय दिलाने के तमाम दावे करती है। मगर ताजनगरी आगरा में उत्तर प्रदेश सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान और पुलिस कप्तान के पीड़ितों को न्याय दिलाने के दावों को इलाकाई पुलिस ठेंगा दिखा रही है।
ताजा मामला शाहगंज थाना क्षेत्र का है। जहां थाना शाहगंज क्षेत्र में रहने वाली वेटलिफ्टर हिना उस्मानी इन दिनों शोहदों से परेशान होकर अपने ही घर में कैद होने को मजबूर हो गई है। जी हां जिला यूपी और नेशनल तक वेट लिफ्टिंग खेल चुकी हिना उस्मानी अपने दम पर और बड़ा मुकाम हासिल करना चाहती है। मगर इलाकाई पुलिस वेटलिफ्टर और पीड़िता हिना उस्मानी की समस्या को गंभीरता से नहीं ले रही है।
आरोप है कि जिला मंडल और नेशनल लेवल पर वेट लिफ्टिंग में नाम रोशन कर चुकी हिना उस्मानी को शोहदे परेशान करते थे। शोहदों से तंग आकर हिना उस्मानी ने थाना शाहगंज की पुलिस से शिकायत भी की। मगर थाना शाहगंज पुलिस ने वेटलिफ्टर हिना उस्मानी के प्रार्थना पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की। इससे उल्ट हिना उस्मानी को परेशान करने वाले शोहदों ने साजिश के तहत पीड़िता व उसके परिवार पर लूट का मुकदमा दर्ज करा दिया और अब शोहदे पुलिस से मिलकर हिना उस्मानी के परिवार का उत्पीड़न कर रहे हैं।
जिला मंडल और नेशनल लेवल पर वेट लिफ्टिंग से नाम रोशन करने वाली हिना उस्मानी आगरा जिले पुलिस कप्तान दिनेश चंद्र दुबे के दरबार में न्याय की गुहार भी लगा चुकी है, लेकिन 4 दिन बीतने के बाद भी एसएसपी आगरा को दिए गए प्रार्थना पत्र पर पुलिस ने अभी तक कोई समस्या का हल नहीं किया है। जिस कारण वेटलिफ्टर हिना उस्मानी और उसका परिवार बेहद चिंतित है। परेशान हिना ने शनिवार को एक बार फिर जिले के पुलिस कप्तान के दरबार में न्याय की गुहार लगाने पहुंची। मगर एसएसपी आगरा अपने कार्यालय में नही थे जिससे पीड़िता की सुनवाई नहीं हो सकी।
मीडिया से बात करते हुए हिना उस्मानी ने अपना दर्द जगजाहिर किया। उस्मानी कहती है कि वह शोहदों और उनकी हरकतों से तंग आकर अपने ही घर में कैद होने को मजबूर हो गई है। अब सवाल यह उठता है कि उत्तर प्रदेश सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान एंटी रोमियो दल और आगरा पुलिस इस मामले में क्यों कोई कदम नहीं उठा रही है। पीड़िता का दर्द जानने के बाद जब मीडिया ने पुलिस अधिकारियों से इस मामले में बात करनी चाही तो पुलिस अधिकारी भी बोलने से बचते नजर आए।