Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jan, 2018 11:05 AM
यूपी में सरकार बदल गई लेकिन हालात बदलने का नाम नहीं ले रहे हैं। भले ही योगी सरकार स्वास्थ्य विभाग को बेहतर बनाने के बड़े-बड़े दावे कर रही हो, लेकिन करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी एंबुलेंस सेवा मरीजों की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही है।
फतेहपुर: यूपी में सरकार बदल गई लेकिन हालात बदलने का नाम नहीं ले रहे हैं। भले ही योगी सरकार स्वास्थ्य विभाग को बेहतर बनाने के बड़े-बड़े दावे कर रही हो, लेकिन करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी एंबुलेंस सेवा मरीजों की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही है। हालात यह हैं कि फतेहपुर जिले में 108 पर फोन करने के बावजूद भी एंबुलेंस मरीज के घर नहीं पहुंची। जिसके चलते मरीज को परिजन चारपाई से कंधे पर लादकर करीब 2 किलोमीटर पैदल अस्पताल लेकर पहुंचे।
जानकारी के मुताबिक मामला फतेहपुर के नेशनल हाईवे के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के गांव का है। जहां बीती 7 जनवरी को सड़क हादसे में एक बुजुर्ग गोला पासवान गंभीर रुप से घायल हो गया था। इस हादसे में उसके पैर पर गंभीर चोटें आई थी। परिजनों ने बुजुर्ग के इलाज के लिए 108 पर फोन किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। एंबुलेंस के न पहुंचने पर परेशान परिजन बूढ़े पिता को चारपाई से कंधे पर लादकर करीब 2 किलोमीटर पैदल लेकर अस्पताल पहुंचे। इतना ही नहीं बल्कि इलाज करवाने के बाद वह दोबारा चारपाई पर लादकर पिता को वापस गांव लेकर आए।
वहीं इस मामले में पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने पिता के इलाज के लिए पीएचसी गोपालगंज ले जाने के लिए एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। जिसके बाद हम पिता को चारपाई में बैठाकर इलाज के लिए पीएचसी ले आए।
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के पास मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 54 इमरजेंसी वाहन मौजूद है। जिसमें 102 एबुंलेंस सेवा के 33, 108 एबुंलेंस सेवा के 21 वाहन और एएलएफ (इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट) सेवा के 2 वाहनों की फौज है। इसके बावजूद मरीज को चारपाई से कंधे पर लादकर परिजनों का अस्पताल पहुंचना स्वास्थ्य विभाग की सुविधाओं पर कई सवाल खड़े करता है।