BHU में छात्रा के साथ समलैंगिक भेदभाव, छात्रावास से किया बाहर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Sep, 2017 10:51 AM

bhu homosexual discrimination with hostel

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय में एक समलैंगिक छात्रा को हॉस्टल से निकाल दिया गया है। दरअसल कॉलेज प्रशासन को जब इस बात का जानकारी मिली कि छात्रा समलैंगिंक है...

वाराणसीः बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय में एक समलैंगिक छात्रा को हॉस्टल से निकाल दिया गया है। दरअसल कॉलेज प्रशासन को जब इस बात का जानकारी मिली कि छात्रा समलैंगिंक है, तो उसे छात्रावास से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हालांकि छात्रा को कॉलेज से नहीं निकाला गया है, उसे सिर्फ छात्रावास से बाहर निकाला गया है।

बता दें कि छात्रा को छात्रावास से बाहर निकाले जाने की कॉलेज प्रशासन ने सफाई यह दी है कि छात्रा अपनी सहपाठियों के लिए मुश्किल बन रही थी। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्रा गलत समलैंगिंक व्यवहार करती थी। एक तरफ जहां आरोप यह लग रहा है कि छात्रा को महज समलैंगिंक होने की वजह से छात्रावास से बाहर का रास्ता दिखाया गया है, तो दूसरी तरफ कॉलेज प्रशासन ने इस बात से इंकार किया है।

अनुशासन बनाए रखने के लिए किया निष्कासित 
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्रा के गलत व्यवहार के चलते छात्रावास छोड़ने को कहा गया है। कॉलेज के एक प्रोफेसर और कॉलेज की अनुशासन कमेटी के सदस्य ने कहा कि छात्रा को छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया है, क्योंकि वह अपने साथ की छात्राओं को काफी परेशान कर रही थी। छात्रा की हरकतों के चलते छात्रावास में शांति और अनुशासन को बनाए रखने के लिए उसे निष्कासित किया गया है।

आत्महत्या की देती थी धमकी 
कॉलेज की असिस्टैंट प्रोफेसर और 5 हॉस्टल की चीफ कॉर्डिनेटर नीलम आत्री ने छात्रा के खिलाफ यह अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। उनका कहना है कि तकरीबन 16 छात्रावास की छात्राओं ने मुझे लिखित रूप में यह शिकायत दी थी कि छात्रा उन्हें परेशान कर रही है। यहीं नहीं छात्रा अन्य छात्राओं को धमकी देती थी कि अगर उसकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह आत्महत्या कर लेगी।

कॉलेज को बदनाम करने की हैं कोशिशें
उन्होंने कहा कि जो लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि छात्रा को समलैंगिंक होने की वजह से निष्कासित किया गया है, वह कॉलेज को बदनाम करना चाहते हैं। पिछले हफ्ते छात्रा के माता-पिता को बुलाया गया था और उन्हें इसकी बीमारी की इलाज कराने को कहा गया था। हमने उन्हें बताया है कि जब वह ठीक हो जाए तो वापस छात्रावास आ सकती है।

शिकायतें रुक नहीं रही थीं
वहीं एक अन्य प्रोफेसर का कहना है कि छात्रा की गतिविधियां काफी अजीब हैं। हालांकि हम यह नहीं कह सकते हैं कि वह समलैंगिंक है, लेकिन हमें उसे निष्कासित करना इसलिए जरूरी था ताकि छात्रावास में शांति और अनुशासन को बनाए रखा जा सके। उन्होंने बताया कि छात्राओं ने हमें लिखित शिकायत दी थी कि छात्रा उन्हें परेशान करती है। हमने छात्राओं से कहा कि उसे समझाएं, लेकिन जब इसके बाद भी लगातार शिकायतें आती रहीं तो हमें छात्रा को निष्कासित करना पड़ा।

बिना जांच पड़ताल के निकाल दिया बाहर 
छात्रावास में रहने वाली एक अन्य छात्रा ने बताया कि इस छात्रा को एक आंख से दिखाई नहीं देता था। वह दिव्यांग थी। कॉलेज प्रशासन को उसके साथ अधिक नरमी से पेश आना चाहिए था। इन लोगों ने छात्रा की काउंसलिंग कराए बिना और बिना किसी जांच पड़ताल के उसे निष्कासित कर दिया। छात्रा के माता-पिता काफी सदमे में हैं।

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