Edited By Ramkesh,Updated: 31 May, 2022 12:19 PM
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवारा पशुओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि गायों के दूध देना बंद कर देने के बाद बेसहारा छोड़ देने वालों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम तहत कार्रवाई की जाएगाी। दरद, विधानसभा में विपक्ष ने आवारा पशुओं के...
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवारा पशुओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि गायों के दूध देना बंद कर देने के बाद बेसहारा छोड़ देने वालों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम तहत कार्रवाई की जाएगाी। दरदअसल, विधानसभा में विपक्ष ने आवारा पशुओं के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरा था। फिलहाल सरकार ने अभी इसे लेकर शासनादेश जारी नहीं किया है।
विपक्ष ने विधानसभा में आवारा पशुओं का उठाया मुद्दा
विधानसभा में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार से सवाल पूछा कि क्या 4 रुपए अधिक देखकर गाय का दूध नहीं लिया जा सकता क्योंकि भैंस के दूध में फैट होता है और गाय का दूध ज्यादा फायदेमंद होता है। वहीं सपा विधायक अवधेश प्रसाद ने विधानसभा में बताया कि जब गाय दूध देना बंद कर देती हैं तो लोग उन्हें सड़क पर छोड़ देते हैं। उसके बाद गाय मां की मौत होती है। उन्होंने सरकार से सवाल पूछा कि आवारा पशुओं और इनकी वजह से मारे गए लोगों को मुआवजे देने के लिए सरकार की क्या योजना है। उनके सवाल के जवाब में सरकार ने बतया कि अब दूध ना देने वाली गायों को अगर सड़क पर छोड़ा गया या उन्हें निकाला गया तो संबंधित गाय मालिक के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह बोले- हम किसानों का ध्यान रखेंगे, लेकिन कसाइयों का नहीं
विपक्ष के सवालों पर जवाब देते हुए पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि ये आवारा मवेशी नहीं हैं, बल्कि उन्हें छोड़ा गया है। यह हर कोई जानता है कि उन्हें किसने छोड़ा है। उन्होंने कहा कि जब एक गाय जब दूध देती है तब उसे रखा जाता है और जब दूध देना बंद करती है तब उसे छोड़ दिया जाता है। धर्मपाल ने कहा कि कसाई और किसान के बीच अंतर है। हमारी सरकार किसानों का ध्यान रखेंगे, लेकिन कसाइयों का नहीं। जिन किसानों ने अपने पशुओं को लावारिस छोड़ा उनके खिलाफ पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के केस दर्ज उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।