Edited By Pooja Gill,Updated: 14 Jan, 2025 03:42 PM
UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी और प्रयागराज को मिलाकर एक नया धार्मिक और विकास क्षेत्र बनाने का निर्णय लिया है। इस क्षेत्र में दोनों शहरों समेत सात जिले शामिल होंगे। इसका कुल क्षेत्रफल 22,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक होगा...
UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी और प्रयागराज को मिलाकर एक नया धार्मिक और विकास क्षेत्र बनाने का निर्णय लिया है। इस क्षेत्र में दोनों शहरों समेत सात जिले शामिल होंगे। इसका कुल क्षेत्रफल 22,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक होगा। प्रदेश सरकार ने इसके लिए एक क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (RDA) बनाने की योजना तैयार की है, जो इन दोनों शहरों के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाएगा।
धार्मिक और औद्योगिक विकास का संयोजन
इस क्षेत्र को धार्मिक विकास के साथ-साथ औद्योगिक और तकनीकी विकास के लिए भी योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा। यहां न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। साथ ही, औद्योगिक क्षेत्रों और नॉलेज पार्क के निर्माण से इस इलाके की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
नीति आयोग का सुझाव और सरकार का कदम
नीति आयोग ने भारत को 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के तहत यूपी में कई क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण बनाने की सिफारिश की थी। इस योजना के तहत, पहले चरण में वाराणसी और प्रयागराज को मिलाकर एक क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण बनाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रस्तुत किया गया। अब इस प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
वाराणसी-प्रयागराज क्षेत्र की आर्थिक संभावनाएं
वाराणसी-प्रयागराज क्षेत्र की वर्तमान आर्थिक स्थिति काफी मजबूत है। इस क्षेत्र की कुल अर्थव्यवस्था लगभग 22.8 अरब डॉलर है, और यहां की कुल जनसंख्या 2.37 करोड़ से ज्यादा है। क्षेत्रीय विकास के बाद यहां की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, जिससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और स्थानीय लोगों को फायदा होगा।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
वाराणसी-प्रयागराज क्षेत्र का धार्मिक महत्व भी अत्यधिक है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर, कालभैरव मंदिर और सारनाथ जैसे धार्मिक स्थल हैं। प्रयागराज में संगम के साथ-साथ कई प्रमुख धार्मिक स्थल स्थित हैं। इस नए धार्मिक क्षेत्र के निर्माण से न केवल काशी और प्रयागराज, बल्कि इन दोनों शहरों के आस-पास के सात जिलों को भी लाभ होगा। इससे धार्मिक उद्योग और पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा, जो क्षेत्रीय विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया
मुख्य सचिव मनोज सिंह ने बताया कि क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण का गठन अत्यंत जरूरी है, और इसी के तहत वाराणसी-प्रयागराज क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। कुछ संशोधनों के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा, और विकास कार्य तेजी से शुरू होंगे।
इस क्षेत्र में शामिल होने वाले जिले
इस क्षेत्र में कुल सात जिले शामिल होंगे। जिनमें प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, भदोही शामिल है।