लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से पेश किए गए बजट को विपक्षी दलों ने प्रतिगामी एवं विकास विरोधी करार दिया है।
जनता बहुत होशियार है और सब जानती-समझती है: मायावती
बसपा अध्यक्ष मायावती ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चुनावी वर्ष में भाजपा सरकारों का बजट चाहे कितना भी लुभावना क्यों न हो मगर जनता का सरोकार जनकल्याण एवं कानून-व्यवस्था पर होता है जिसमें केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकार बुरी तरह से विफल साबित हुई है। केवल संगम स्नान से सरकारों के पाप नहीं धुल सकते। जनता बहुत होशियार है और सब जानती समझती है।
बजट में दलित-आदिवासी समाज की भारी उपेक्षा: भाकपा
भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि बजट में गाय, अयोध्या और मंदिरों के लिए जहां आबंटन है, वहीं दलित-आदिवासी समाज की भारी उपेक्षा की गई है। पुश्तों से बसे गरीब परिवारों को बिना उचित पुनर्वास किए जबरिया उजाड़ा जा रहा है। किसानों की कर्जमाफी का वायदा पहले ही छलावा साबित हो चुका है। इसके बावजूद खेती-किसानी को संकट से उबारने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
जैसी जिसकी समझ वैसा उसका बजट: अखिलेश
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राजकोष के लिए कुछ नहीं किया, जैसी जिसकी समझ वैसा उसका बजट। किसानों और नौजवानों के लिए बजट में कुछ नहीं है। रोजगार के लिए बजट में कुछ नहीं किया। किसानों को इस सरकार ने संकट में डाल दिया।
किसानों, नौजवानों तथा बेरोजगारों के साथ छल किया गया: रालोद
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने कहा कि बजट में किसानों, नौजवानों तथा बेरोजगारों के साथ छल किया गया है। स्वास्थ्य, शिक्षा एवं बुनियादी जरूरतों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है।
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