Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Apr, 2018 11:23 AM
उत्तर प्रदेश में सरकारी सेवाएं राम भरोसे हैं। इसका उदाहरण मंगलवार को मथुरा जिले में देखने को मिला। जहां एक महिला अपने विकलांग पति का विकलांगता सर्टिफिकेट बनवाने के लिए उसे को...
मथुरा: उत्तर प्रदेश में सरकारी सेवाएं राम भरोसे हैं। इसका उदाहरण मंगलवार को मथुरा जिले में देखने को मिला। जहां एक महिला अपने विकलांग पति का विकलांगता सर्टिफिकेट बनवाने के लिए उसे पीठ पर लादकर कलेक्ट्रेट ऑफिस घुमती रही। किसी ने भी उसकी मदद करने की जहमत तक नहीं उठाई।
वहीं इस बारे में जब महिला बबिता से पूछा गया तो उसने बताया कि उसके पति के पास व्हीलचेयर और ट्राईसाइकिल नहीं है। इसकी वजह से उसे पति को पीठ पर लेकर सीएमओ ऑफिस आना पड़ा और किसी ने भी उसकी मदद नहीं की है। महिला का कहना है कि पति की विकलांगता का सर्टिफिकेट लेने के उसने कई दफ्तरों के चक्कर काटे लेने उन्हें अभी तक सर्टिफिकेट नहीं मिला है।
साथ ही उसने बताया कि वह नौहझील थाना क्षेत्र मानागढ़ी के रहने वाले हैं। तीन साल पहले पति मदनसिंह का मोटरसाइकिल से मथुरा आने के दौरान सड़क हादसे में एक पैर कट गया था। दुर्घटना में पैर खोने के बावजूद मदनसिंह को कोई सरकारी सुविधा नहीं मिली थी।
जिसके चलते वह पति का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सीएमओ ऑफिस के चक्कर काट रही है। लेकिन कोई भी अधिकारी काम करने के लिए तैयार नहीं है। ये मामला संज्ञान में आने के बाद यूपी के मंत्री भूपेंद चौधरी ने इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि सभ्य दुनिया में एक दुखद घटना है। हम इस मामले की जांच करेंगे और जैसे भी होगा उस महिला की मदद करेंगे।