Loksabha Election 2024: एक नजर खीरी सीट पर, BJP के टेनी की लगेगी हैट्रिक या तिकुनिया कांड बनेगा रोड़ा ?

Edited By Imran,Updated: 02 Apr, 2024 01:03 PM

will bjp s teni score a hat trick or will tikunia scandal become a hurdle

उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में एक खीरी लोकसभा सीट है। आजादी के बाद पहली बार इस सीट पर साल 1957 में चुनाव हुए थे। जिसमें  प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने कांग्रेस को हराकर जीत दर्ज की थी। पहली हार के बाद कांग्रेस ने वापसी कर इस लोकसभा सीट पर साल 1962 से 1971...

Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में एक खीरी लोकसभा सीट है। आजादी के बाद पहली बार इस सीट पर साल 1957 में चुनाव हुए थे। जिसमें  प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने कांग्रेस को हराकर जीत दर्ज की थी। पहली हार के बाद कांग्रेस ने वापसी कर इस लोकसभा सीट पर साल 1962 से 1971 तक लगातार तीन चुनाव में अपना कब्जा रखा था। हालांकि आपातकाल के बाद साल 1977 के चुनाव में कांग्रेस खीरी की सीट पर जनता पार्टी हार गई थी। लेकिन साल 1980 के अगले ही चुनाव में कांग्रेस ने यहां जोरदार वापसी करते हुए अगले चार चुनाव में बड़ी से जीत हासिल की। कांग्रेस की उषा वर्मा यहां से लगातार चार बार सांसद चुनी गईं। उनका कार्यकाल साल 1980 से 1991 तक रहा था। लेकिन साल 1990 के दौर में चले राम मंदिर आंदोलन की लहर का बीजेपी को फायदा मिला। 
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साल 1991 और 1996 के चुनाव में बीजेपी के गेंदन लाल कनौजिया ने इस सीट पर जीत हासिल की। उसके बाद साल 1998, 1999 और 2004 में चुनाव जीतकर सपा के रवि प्रकाश वर्मा ने यहां पर जीत की हैट्रिक लगाई। जबकि साल 2009 में कांग्रेस के जफर अली नकवी इस सीट पर सांसद चुने गए। उन्होंने कांग्रेस की दो दशक बाद इस सीट पर वापसी कराई थी लेकिन उसके बाद हुए साल 2014 और 2019 के दो चुनाव से इस सीट पर बीजेपी के अजय मिश्र टेनी का कब्जा है। बता दें कि खीरी लोकसभा सीट के बीजेपी सांसद टेनी के बेटे पर ही तिकुनिया कांड अंजाम देने का आरोप है। इस घटना में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर थार कार चढ़ा दी गई थी, जिसमें कई किसानों की मौत हुई थी। इस बार ये सीट सुर्खियों में है क्योंकि इस बार भी बीजेपी ने किसानों की हत्या के आरोपी कहलाने वाले अजय मिश्र टेनी को ही टिकट देकर मैदान में उतारा है।

इस लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल पांच सीटें
आपको बता दें कि इस लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल पांच सीटें आती हैं। जिसमें पलिया, निघासन, गोला गोकर्णनाथ, श्रीनगर सुरक्षित और लखीमपुर शामिल है। 
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साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में पांच सीटों पर बीजेपी जीती हैं जबकि अलग-अलग मैदान में उतरी सपा, बसपा और कांग्रेस का खाता भी यहां नहीं खुला। खीरी लोकसभा की अधिकांश विधानसभा सीटों पर सपा दूसरे नंबर पर रही।

इस सीट पर कुल मतदाता 
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अगर बात मतदाताओं की करें, तो इस लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 57 हजार 116 है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 39 हजार 958 है। जबकि महिला मतदाता 8 लाख 17 हजार 117 है। वहीं ट्रांसजेंडर के कुल 41 मतदाता शामिल हैं। 

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
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खीरी सीट पर साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी ने बड़े अंतर से धमाकेदार जीत दर्ज की थी। बीजेपी प्रत्याशी अजय मिश्र टेनी ने सपा की डॉ. पूर्वी वर्मा को सिंह को 2 लाख 18 हजार से अधिक वोटों से हराया था। अजय टेनी को कुल 6 लाख 9 हजार 589 वोट मिले थे। जबकि पूर्वी वर्मा को 3 लाख 90 हजार 782 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के जफर अली नकवी थे। नकवी को कुल एक लाख 92 हजार 155 वोट मिले थे।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
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खीरी सीट पर साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी के अजय मिश्र टेनी ने 3 लाख 98 हजार 578 वोट पाकर जीत हासिल की थी। जबकि बसपा के अरविंद गिरी 2 लाख 88 हजार 304 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं कांग्रेस के जफर अली नकवी को 1 लाख 83 हजार 940 वोट मिले थे। नकवी तीसरे स्थान पर रहे थे।

एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
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साल 2009 के चुनाव की बात करें, तो कांग्रेस के जफर अली नकवी ने 1 लाख 84 हजार 982 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। जबकि बसपा के इलियास आज़मी 1 लाख 76 हजार 205 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं बीजेपी के अजय मिश्र टेनी 1 लाख 62 हजार 850 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
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अगर बात साल 2004 लोकसभा चुनाव की करें, तो इस सीट पर सपा के रवि प्रकाश वर्मा जीते थे उन्होंने  2 लाख 24  हजार 602 वोटों पाकर जीत हासिल की थी। जबकि बसपा के दाऊद अहमद 2 लाख 12 हजार 842 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं बीजेपी के विनय कटियार को 1 लाख 95 हजार 849 वोट मिले थे। कटियार तीसरे स्थान पर रहे थे।

ये सीट कुर्मी, ब्राह्मण और मुस्लिम बहुल मानी जाती है
खीरी लोकसभा उत्तर प्रदेश की सीट नंबर- 28 है।  ये सीट कुर्मी, ब्राह्मण और मुस्लिम बहुल मानी जाती है। ओबीसी, दलित, सिख, यादव और वैश्य बिरादरी यहां निर्णायक भूमिका में हैं। बीजेपी ओबीसी और सवर्ण वोट बैंक की बदौलत ही एक दशक से इस सीट पर काबिज है। यहां से सबसे अधिक बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड कांग्रेस से बालगोविंद वर्मा और उषा वर्मा तथा सपा से रवि प्रकाश वर्मा के नाम दर्ज है। तीनों लगातार तीन-तीन बार यहां से सांसद चुने गए हैं। तीनों ने जीत की हैट्रिक इस सीट पर लगाई है, इस बार ये कारनामा अंजाम देने का मौका बीजेपी के अजय मिश्र टेनी के पास है। वो लगातार दो पिछले दो चुनाव इस सीट पर जीत चुके हैं और तीसरी बार बीजेपी से मैदान में हैं। 

टेनी के पास अपनी और पार्टी की  हैट्रिक लगाने का मौका है। एक दशक से ये सीट उनके पास है और जीत के अंतर से साफ है कि बीजेपी का मजबूत गढ़ है। पिछली लोकसभा चुनाव सपा और बसपा ने एक साथ मिलकर लड़ा था। लेकिन इस सीट पर बीजेपी फिर भी लाखों वोटों के अंतर से जीती। आम चुनाव 2024 की चुनावी जंग में बीजेपी ने  फिर से किसानों की मौत के जिम्मेदार कह जा रहे अजय मिश्र टेनी को ही विरोध के बावजूद मैदान में उतारा है। जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन ने मजबूत कुर्मी चेहरे उत्कर्ष वर्मा पर दांव खेला है।  बसपा ने यहां अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। हालांकि संभावना है कि किसी मुस्लिम चेहरे को मायावती इस बार यहां हाथी पर सवार कर सकती हैं।  मगर पिछले दो चुनाव में यहां बीजेपी की बंपर जीत बता रही है कि अब ये सीट बीजेपी का मजबूत किला बन चुकी है। जिसे फतेह करना किसी विपक्षी दल के लिए आसान नहीं है। लेकिन इस बार किसानों का प्रकरण यहां चुनाव का बड़ा मुद्दा रहेगा। जो बीजेपी के लिए कुछ हद तक नुकसान का सबब बन सकता है। 
 

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