Edited By Ajay kumar,Updated: 13 Aug, 2020 01:56 PM
उत्तर प्रदेश के भदोही में ज्ञानपुर के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा के जान के खतरे की आशंका को निराधार बताते हुये पुलिस ने कहा है कि आपराधिक कृत्यों से ध्यान भटकाने और जनता में भ्रम की स्थिति पैदा करने के मकसद से विधायक ने राजनीतिक हथकंडा अपनाया है।
भदोहीः उत्तर प्रदेश के भदोही में ज्ञानपुर के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा के जान के खतरे की आशंका को निराधार बताते हुये पुलिस ने कहा है कि आपराधिक कृत्यों से ध्यान भटकाने और जनता में भ्रम की स्थिति पैदा करने के मकसद से विधायक ने राजनीतिक हथकंडा अपनाया है।
पुलिस सूत्रों ने गुरूवार को कहा कि विजय मिश्र द्वारा कल वायरल किये गये वीडियो में लगाए गए आरोप असत्य और निराधार हैं। विधायक ने असत्य तथ्यों को आधार बनाकर अपने आपराधिक कृत्यों से ध्यान भटकाने, जनता में भ्रम फैलाने के उद्देश्य से वीडियो जारी किया। बाहुबली विधायक के विरुद्ध 73 मामले पंजीकृत हैं। इसके बावजूद नियमानुसार उनके सुरक्षार्थ गनर दिया गया है ।
गौरतलब है कि विजय मिश्रा ने बुधवार को एक वीडियो वायरल किया था जिसमें उन्होने पुलिस द्वारा परिवार को परेशान किये जाने का आरोप लगाते हुये खुद के मारे जाने की आशंका जतायी थी। ज्ञानपुर के विधायक ने वायरल वीडियो में कहा ‘‘ हमें हमारी पत्नी विधान परिषद सदस्य रामलली और बेटे विष्णु को फर्जी फंसाया जा रहा है। गोपीगंज थाने की पुलिस ने हमारे परिवार का रहना खाना दुष्कर कर दिया हैं। मेरा इतना ही दोष है कि मैं ब्राह्मण हूँ। मैं चार बार से विधायक हूं। आगे अगला जिला पंचायत चुनाव हैं। इस जिले के लोग चुनाव ना लड़ पायें। बनारस का कोई बाहुबली आकर चुनाव लडे या चंदौली का लड़े। इसके लिये यह किया जा रहा है। ''उन्होने कहा कि इसलिए आज या कल में हमारी गिरफ्तारी हो सकती हैं।कभी भी हत्या हो सकती हैं। हो सकता है मैं रात में ही मार दिया जाऊं।''
विधायक के खिलाफ पुलिस ने हाल ही में एक मकान कब्जा करने और धमकी देने का मामला दर्ज किया है। विधायक के साथ ही उनकी पत्नी एमएलसी रामलली मिश्रा और बेटे विष्णु मिश्रा के खिलाफ भी गोपीगंज कोतवाली में रिपोटर् लिखी गई है। इससे पहले पिछले ही महीने विधायक के खिलाफ गुंडा एक्ट कारर्वाई हुई थी।
गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र के धनापुर गांव निवासी कृष्ण मोहन उर्फ मुन्ना तिवारी ने पांच अगस्त को कोतवाली में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि विधायक, उनकी पत्नी और बेटे ने उसके मकान को जबरदस्ती कब्जा कर लिया है। लगातार उन पर वसीयत करने का दबाव बनाया जा रहा है। मना करने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। आला अधिकारियों के निर्देश पर पांच अगस्त की देर रात ही केस दर्ज कर लिया गया। पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया कि मामले की जांच गोपीगंज पुलिस कर रही है। इससे पहले 20 जुलाई को विधायक पर गुंडा एक्ट की कारर्वाई की गई थी।