विकास दर के मामले में नीचले पायदान पर उत्तर प्रदेश: ग्रोथ रेट 4.24, टॉप- 5 में कोई भी BJP शासित राज्य नहीं

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 04 Jan, 2023 06:15 PM

uttar pradesh at the bottom in terms of growth rate growth rate 4 24

वित्तीय वर्ष 2021-22 में आर्थिक विकास दर के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश नीचले पायदान पर नजर आ रहा है। बात करें नंबर वन कि तो आंध्रप्रदेश सबसे टॉप पर हैं। दूसरे नंबर पर राजस्थान है। खास बात ये है कि...

यूपी डेस्क: वित्तीय वर्ष 2021-22 में आर्थिक विकास दर के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश नीचले पायदान पर नजर आ रहा है। बात करें नंबर वन कि तो आंध्रप्रदेश सबसे टॉप पर हैं। दूसरे नंबर पर राजस्थान है। खास बात ये है कि टॉप- 5 राज्यों में कोई भी राज्य भाजपा शासित नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की विकास दर 8.7 प्रतिशत है। भाजपा शासित राज्यों की विकास दर काफी कम रही है। इस पर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि अब क्या उप्र की भाजपा सरकार इस नकारात्मक उपलब्धि का उल्टा होर्डिंग लगवाएगी!

 

अगस्त महीने में जारी हुआ विकास दर का आंकड़ा
हर साल अगस्त माह में केन्द्र सरकार का वित्त मंत्रालय का सांख्यिकी विभाग देश और राज्यों की विकास दर का आंकड़ा जारी करता है। इस बार देश के 19 राज्यों की विकास दर का आकलन किया गया है। जिसकी अंतरिम रिपोर्ट उसी वक्त तैयार हो गई थी। फाइनल और अधिकृत रिपोर्ट राज्यों को भेजी गई है। किन्हीं कारणों से केन्द्र व राज्य सरकारों के आंकड़ों में कुछ परिवर्तन आने से गुजरात और महाराष्ट्र प्रदेश के आंकड़ों को शामिल नहीं किया गया है। लेकिन सूत्रों का अनुमान है कि उन दोनों राज्यों की विकास दर लगभग 9 प्रतिशत रही है।

टॉप 5 राज्यों में कौन-कौन है मुख्यमंत्री
विकास दर के मामले में टॉप 5 राज्यों में आंध्रप्रदेश, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना और दिल्ली है। छठे स्थान पर ओडिशा और फिर सातवें स्थान पर भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश है। पहले छह स्थानों वाले राज्यों में गैर भाजपाई सीएम जगनमोहन रेड्‌डी, अशोक गहलोत, नीतीश कुमार, के. चंद्रशेखर राव, अरविंद केजरीवाल और नवीन पटनायक की सरकारें हैं।

कैसे तय होती है विकास दर?
देश के स्तर पर जीडीपी (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट-सकल घरेलू उत्पाद) और राज्यों के स्तर पर जीएसडीपी (ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट - सकल राज्य घरेलू उत्पाद) को आधार बनाया जाता है। इसके तहत मूलत: उद्योग और कृषि क्षेत्र में होने वाले उत्पादन को देखा जाता है। पिछले वर्ष से तुलना करके उत्पादन में वृद्धि होने पर उसे विकास दर के रूप में देखा जाता है। जैसे किसी प्रदेश में किसी वर्ष 100 रुपए का उत्पादन हो और अगले वर्ष 110 रुपए का उत्पादन हो तो इसे 10 प्रतिशत की विकास दर माना जाता है। उत्पादन कम होने पर नेगेटिव (नकारात्मक-माइनस) ग्रोथ रेट भी गिनी जाती है। जैसे 100 रुपए की तुलना में 80 रुपए का उत्पादन होना 20 प्रतिशत की माइनस ग्रोथ रेट कहलाती है।

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