Edited By Ajay kumar,Updated: 22 Jun, 2018 02:11 PM
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का सिस्टम किस कदर लाचार नजर आता है इसकी तस्वीरें हरदोई के जिला चिकित्सालय में साफ़ नजर आती हैं।
हरदाेईः उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का सिस्टम किस कदर लाचार नजर आता है इसकी तस्वीरें हरदोई के जिला चिकित्सालय में साफ़ नजर आती हैं। यहां अस्पताल में भर्ती मरीजों के वार्डों के अंदर कुत्तों का तो वार्डो के बाहर आवारा गाय और सांडों का तबेला नजर आता है। अस्पताल की साफ सफाई के लिए बाकायदा एक एजेंसी को ठेका भी है लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि वार्डो में आवारा कुत्ते आराम से घूमते तो वार्डो के बाहर आवारा पशुओं का डेरा होता है।
हरदोई जिले के एकमात्र 200 बेड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पंडित रामदयाल त्रिवेदी जिला चिकित्सालय की रात की हैं। अस्पताल में लापरवाही का आलम यह है की वार्ड के अंदर मरीजों के लिए बने शौचालय में कुत्ते बड़े आराम से आराम फरमाते नजर आते हैं तो वार्ड के बाहर आवारा गायें और सांडों का बसेरा होता है।
जिला चिकित्सालय के अधिकारी शायद रात में अपने कमरे में ऐसी रूम में बैठकर अस्पताल के वार्डो में अपना पसीना नहीं बहाना चाहते तभी ताे अधिकारियो को पता नहीं है कि सरकारी अस्पताल के वार्डों में किस तरह की समस्या है। किस तरह से मरीज रहते हैं। बेहतर स्वास्थ्य का दावा करने वाली सरकार के इन काबिल अफसरों को शायद ही इन बातों से कोई सरोकार रहता हो। तभी ताे वार्डो में आवारा कुत्ते और वार्डो के बाहर आवारा पशुओ का तबेला बना यह अस्पताल साफ़ तौर पर नजर आता हैं।
अस्पताल की साफ सफाई का जिम्मा एक निजी कंपनी के हाथों हैं लेकिन शायद अधिकारियों को मोटा चढ़ावा देकर साफ सफाई का जिम्मा रखने वाली निजी कंपनी इन समस्याओं से मुंह मोड़े रहती है। तस्वीरें सामने आने के बाद अधिकारी वार्डो में इसे आपत्तिजनक मानकर व्यवस्था में सुधार का दावा जरूर करते नजर आ रहे है।
जब इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रामवीर सिंह से बात की गई ताे उन्हाेंने वार्डो में इसे आपत्तिजनक मानकर व्यवस्था में सुधार का दावा किया।