Edited By Prashant Tiwari,Updated: 14 Jan, 2023 04:01 PM
2024 के लोकसभा चुनाव में अब डेढ़ साल से कम का वक्त रह गया है। ऐसे में पिछले 8 साल से देश की सत्ता पर राज कर रही BJP के सामने अपनी सत्ता बचाने के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में BJP को पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापस लाने के लिए UP BJP ने प्रदेश...
लखनऊ : 2024 के लोकसभा चुनाव में अब डेढ़ साल से कम का वक्त रह गया है। ऐसे में पिछले 8 साल से देश की सत्ता पर राज कर रही BJP के सामने अपनी सत्ता बचाने के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में BJP को पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र कि सत्ता में वापस लाने के लिए UP BJP ने प्रदेश में मिशन 80 चला रखा है। जिसके तहत BJP प्रदेश के सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज कर इतिहास रचना चाहती है। जिसके लिए BJP ने अपने केंद्रीय नेताओं का UP में कैंप कराने का फैसला किया है। जिससे वह 2019 में हारे हुए सीटों पर 2024 में जीत दर्ज कर सकें।
UP के गाजीपुर से होगी शुरुआत
आपको बता दें कि UP के गाजीपुर से BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनौपचारिक तौर पर मिशन 80 का आगाज करेंगे। 2014 में गाजीपुर सीट पर वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने जीत दर्ज किया था। जिसके बाद उन्हें मोदी सरकार में केंद्रीय रेल राज्यमंत्री व संचार मंत्री बनाया गया था। जिसके बाद उन्होंने जिले में काम कर अपनी विकास पुरुष की छवि बनाई लेकिन 2019 में सपा-बसपा का गठबंधन होने के कारण वह बसपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी से करीब 1.50 लाख वोटों के अंतर से चुनाव हार गए। जिसके बाद से हि BJP इस सीट को जीतने के तैयारी कर रही है और इसी क्रम में J P नड्डा भी UP में अपना पहला चुनावी जनसभा गाजीपुर से करेंगे।
30 जनवरी को अंबेडकरनगर में गृहमंत्री
एक तरफ जहां BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष J P नड्डा 20 जनवरी को गाजीपुर में चुनावी सभा करेंगे। वहीं 30 जनवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह UP के अंबेडकरनगर जिले में रैली करेंगे। बता दे कि 2014 में यहां से BJP के हरिओम पांडेय ने जीत दर्ज की लेकिन 2019 के आम चुनाव में बसपा प्रत्याशी रितेश पाण्डेय ने BJP प्रत्याशी को लगभग 1 लाख वोट के अंतर से हराया। जिसे 2024 में फिर से जीतने के लिए BJP ने कमर कस लिया है।
2014 में इन 8 सीटों पर हारी थी BJP
पूरे देश में मोदी लहर होने के बावजूद BJP उत्तर प्रदेश में 80 में से 72 सीटों पर दर्ज कर पाई थी। BJP जिन 8 सीटों पर हारी थी वे सीटें अमेठी (कांग्रेस), रायबरेली (कांग्रेस), आजमगढ़ (सपा), मैनपुरी (सपा), कन्नौज (सपा), फिरोजाबाद (सपा), बदायूं (सपा) थी। बता दे कि इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) और UPA सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे चौधरी अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोकदल (RLD) अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी। वहीं तत्तकालीन RLD चीफ व उनके बेटे व वर्तमान में RLD प्रमुख जयंत चौधरी खुद अपनी सीट नहीं बचा पाए थे।
2019 में हारी 16 सीटें
वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में केंद्र व राज्य दोनों जगह सरकार होने के बावजूद BJP 2014 के मुकाबले 2019 में दोगुने सीट पर हार गई। इसका प्रमुख कारण रहा राज्य में सपा व बसपा का गठबंधन। 2019 में BJP जिन 16 सीटों पर हारी थी वे सीटें- रायबरेली (कांग्रेस), मैनपुरी (सपा), आजमगढ़ (सपा), रामपुर (सपा), मुरादाबाद (सपा), संभल (सपा), अमरोहा (बसपा), अंबेडकरनगर (बसपा), बिजनौर (बसपा) घोसी (बसपा), लालगंज (बसपा), सहारनपुर (बसपा), गाजीपुर (बसपा), जौनपुर (बसपा), नगीना (बसपा), श्रावस्ती (बसपा) थी। जहां इस चुनाव में बसपा गठबंधन में होने के कारण 10 सीटें जीत गई। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव व सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के अलावा उनके परिवार से किसी ने भी जीत दर्ज नहीं की।
2014 में जीते लेकिन 2019 में हारे सीटों को 24 में जीतने पर रहेगा जोर
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि BJP 2019 में उत्तर प्रदेश में जिन सीटों पर हारी है। हम उन सीटों पर 2024 में जीत दर्ज करने के लिए रणनीति बना रहे है। हमने केंद्रीय नेतृत्व से कुछ आंशिक बदलाव करने के लिए अनुमति मांगी है। जैसे ही ऊपर से हरी झंडी मिलेगी हम परिवर्तन कर देंगे। केंद्रीय नेतृत्व का प्रदेश में कैंप कराना भी हमारी रणनीति का ही एक हिस्सा है।