Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 12 Jan, 2021 02:13 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा के कुछ निजी स्कूलों के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया। इन स्कूलों पर आरोप है कि वे प्रदेश...
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा के कुछ निजी स्कूलों के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया। इन स्कूलों पर आरोप है कि वे प्रदेश सरकार द्वारा चार जुलाई, 2020 को घोषित नीति के उलट कार्य कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा घोषित नीति में व्यवस्था की गई है कि यदि कोई व्यक्ति स्कूल की फीस भरने में असमर्थ रहता है तो उसके बच्चे को ऑनलाइन कक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा और इस आधार पर उस बच्चे का स्कूल से नाम नहीं काटा जाएगा।
प्रवीण अंतल और 22 अन्य लोगों द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने राज्य सरकार के वकील को राज्य की नीति के अनुपालन के संबंध में गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी से आवश्यक सूचना हासिल करने का निर्देश दिया और इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 जनवरी, 2021 निर्धारित की।
याचिकाकर्ता के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार ने 4 जुलाई को एक नीति घोषित की थी जिसमें व्यवस्था की गई कि यदि कोई व्यक्ति फीस भुगतान करने में विफल रहता है तो उसके बच्चे को ऑनलाइन कक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा और ऐसे विद्यार्थी का नाम स्कूल से नहीं काटा जाएगा। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि नोएडा के कुछ निजी स्कूल इस नीति के उलट कार्य कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने इस याचिका में कुछ संदर्भ भी दिया है और अदालत से इस मामले में निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।