'ज्ञानवापी के फैसले से अदालतों पर भरोसा घटा, जो हो रहा उससे लोगों को लगा सदमा...बोले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के रहमानी

Edited By Imran,Updated: 02 Feb, 2024 04:38 PM

trust in courts reduced due to gyanvapi s decision

ज्ञानवापी मामले में बुधवार को जिला अदालत के फैसले में व्यास तहखाने में पूजा-पाठ करने का अधिकार दे दिया गया। जिसके बाद मुस्लिम पक्ष के द्वारा पूजा-पाठ करने पर रोक लगाने के लिए  HC में याचिका दायर की गई,लेकिन वहा से भी कोई राहत नहीं मिली है। अब इसे...

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में बुधवार को जिला अदालत के फैसले में व्यास तहखाने में पूजा-पाठ करने का अधिकार दे दिया गया। जिसके बाद मुस्लिम पक्ष के द्वारा पूजा-पाठ करने पर रोक लगाने के लिए  HC में याचिका दायर की गई,लेकिन वहा से भी कोई राहत नहीं मिली है। अब इसे लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की भी प्रतिक्रिया सामने आई है और उसने कोर्ट के फैसले पर ही सवाल खड़े करते हुए इस फैसले की आलोचना की है।


अदालती फैसले पर उठाए सवाल


मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सैफुल्लाह रहमानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'हमारी अदालतें ऐसी राहत पर चल रही हैं जहां से लोगों का भरोसा उनसे टूट रहा है। ऐसा कई कानूनी जानकार भी मानते हैं। कल जो वाक़या पेश आया वो निराशा पैदा करने वाला है, वहां मस्जिद है। 20 करोड़ मुसलमानों को और इंसाफ पसंद तमाम शहरियों को इस फैसले से बहुत धक्का पहुंचा है। मुसलमान रंज की हालत में है। हिंदू और सिख जो भी यह मानते हैं की ये मजहब का गुलदस्ता हैं। उन सबको इस फैसले से धक्का लगा है'

उन्होंने कहा, 'हमको तारीख की इतिहास की सच्चाई को समझना चाहिए. इस मुल्क में अंग्रेज आए और उन्होंने फूट करो और राज करो की नीति अपनाई। 1857 में उन्होंने देखा कि खुदा की इबादत करने वाले और पूजा करने वाले दोनों देश के लिए एकजुट हैं। इसके बाद उन्होंने दोनों कौमों में फूट डालने यानि आपस में दूरियां पैदा करने का काम किया'


 6 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
ज्ञानवापी मामले में बुधवार को जिला अदालत के फैसले में व्यास तहखाने में पूजा-पाठ करने का अधिकार दे दिया गया। जिसके बाद मुस्लिम पक्ष के द्वारा पूजा-पाठ करने पर रोक लगाने के लिए  HC में याचिका दायर की गई,लेकिन वहा से भी कोई राहत नहीं मिली है। यानि ज्ञानवापी स्थित तहखाने में पूजा पाठ जारी रहेगी। 6 फरवरी को हाईकोर्ट में अगली सुनवाई होगी. मस्जिद कमेटी ने अपनी याचिका में पूजा-पाठ पर अंतरिम स्थगन की मांग की थी लेकिन अदालत ने यह अनुमति नहीं दी। 


नमाजियों की भीड़ से भरी ज्ञानवापी मस्जिद
ज्ञानवापी मामले में बुधवार को जिला अदालत के फैसले में व्यास तहखाने में पूजा-पाठ करने का अधिकार दे दिया गया। वहीं आज यानि शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद नमाजियों की भीड़ से भरी हुई है। अब किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। 300 मीटर पहले लगी बैरीकेडिंग से ही लोगों को वापस भेजा जा रहा है।नमाज से एक घंटे पहले ही मस्जिद भर गई थी। करीब 1200 नमाजियों की क्षमता है। पिछले 15 मिनट से ही रोका जा रहा है।

31 साल बाद की गई पूजा
वहीं, 1 फरवरी को ज्ञानवापी परिसर में आखिरकार 31 साल बाद पूजा-अर्चना शुरू हो गई है। साथ ही तहखाने अब रोजाना 5 आरती भी की जाएंगी जो कि  सुबह 3.30 बजे मंगला आरती, दोपहर 12 बजे भोग,  दोपहर 4 बजे और शाम 7 बजे आरती होगी और आखिरी रात 10.30 बजे शयन आरती की जाएगी। 

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