नये शैक्षिक सत्र 2024-25 में सुधर जायेगा शिक्षक-छात्र अनुपातः जल्द होगा एडेड और राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों का समायोजन

Edited By Ajay kumar,Updated: 30 Mar, 2024 05:39 PM

there will be adjustment of teachers of aided and government colleges

यूपी के राजकीय और एडेड इंटर कॉलेजों में शिक्षकों और विद्यार्थियों का अनुपात नये शैक्षिक सत्र 2024-25 में सुधर जायेगा। इसके लिए सभी कॉलेजों का ब्योरा माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जुटाया जा रहा है। कई विद्यालयों का ब्योरा मिल भी गया बाकी जो छूटे...

लखनऊ: यूपी के राजकीय और एडेड इंटर कॉलेजों में शिक्षकों और विद्यार्थियों का अनुपात नये शैक्षिक सत्र 2024-25 में सुधर जायेगा। इसके लिए सभी कॉलेजों का ब्योरा माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जुटाया जा रहा है। कई विद्यालयों का ब्योरा मिल भी गया बाकी जो छूटे हैं उनके संबंध में सूचना एकत्र की जा रही है। लोकसभा चुनाव के बाद शिक्षकों का समायोजन शुरू हो जायेगा।

प्रदेशभर में 2,363 राजकीय और 4,512 एडेड कॉलेजों का हो रहा संचालन
प्रदेश भर में माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से 2,363 राजकीय और 4,512 एडेड कॉलेजों का संचालन हो रहा है। इसमें काफी संख्या में ऐसे कॉलेज हैं जहां शिक्षकों और बच्चों का अनुपात सही नहीं है। ऐसे में विभाग प्रयास है कि कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों और बच्चों का अनुपात सुधारा जाये। अधिकारी बताते हैं कि समायोजन की स्थिति भी शिक्षकों की लापरवाही से आई है शिक्षक कॉलेजों में छात्र संख्या बढ़ाने पर जोर ही नहीं देते हैं। काफी संख्या में ऐसे एडेड कॉलेज हैं जहां बच्चों की संख्या नाम मात्र है।



अलंकार योजना के मानक में फेल हैं कॉलेज:
राज्य सरकार ने एडेड कॉलेजों की दशा को सुधारने के लिए अलंकार योजना की शुरूआत की है। इस योजना में कॉलेजों की ओर से भाग लेने की जो छात्र संख्या का निर्धारित है उसमें ये पूरी तरह से फेल हैं। प्रोजेक्ट अलंकार के तहत कॉलेजों का विकास के लिए 75 प्रतिशत बजट सरकार देगी जबिक 25 प्रतिशत बजट विद्यालय प्रबंधन खुद अपनी ओर से लगायेंगे लेकिन इसमें छात्र संख्या का मानक व आड़े आ रहा है।

नहीं चलेगा जुगाड़ और न मिलेगा विकल्प
एडेड और राजकीय कॉलेजों में शिक्षकों के समायोजन को लेकर जो शासनादेश है उसके क्रम में शिक्षकों को मनचाहा स्कूल मिलना आसान नहीं होगा। राजधानी में काफी संख्या में ऐसे एडेड कॉलेज हैं जहां पर बच्चों की संख्या 100 से 300 के बीच भी नहीं है। इसमें दिगंबर जैन और लखनऊ इंटर कॉलेज इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

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