Edited By Mamta Yadav,Updated: 11 Jun, 2024 11:41 PM
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नवनिर्वाचित सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव में वाराणसी से यदि उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ी होतीं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दो-तीन लाख मतों से चुनाव हारना...
Raebareilly News: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नवनिर्वाचित सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव में वाराणसी से यदि उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ी होतीं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दो-तीन लाख मतों से चुनाव हारना तय था। चुनाव में जीत के लिये रायबरेली और अमेठी की जनता का आभार व्यक्त करने आये गांधी ने कहा कि चुनाव परिणामों के जरिये रायबरेली और अमेठी समेत पूरे उत्तर प्रदेश से यह संदेश गया है कि जनता नफरत और अहंकार की राजनीति के खिलाफ है और संविधान में छेड़छाड़ के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की करारी हार हुयी जबकि वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जान बचा कर निकले हैं। उन्होंने कहा “ मैं तो पहले ही अपनी बहन प्रियंका से कह रहा था कि वाराणसी से चुनाव लड़ जाओ और अगर वह मेरी बात मान लेती तो प्रधानमंत्री दो से तीन लाख मतों से चुनाव हारते।” गांधी ने कहा “ प्रधानमंत्री मोदी अक्सर कहते हैं कि वह कुछ नहीं करते, सब उनका भगवान कराता है। मै समझ नहीं पाता हूं कि कैसा है उनका भगवान जो अंबानी अडानी की मदद कराता है। अब जब जनता ने अपना फैसला सुनाया है तो सबने देखा कि वह संविधान को सिर पर उठाये थे। यही जनता की ताकत है।” उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत का एक कारण एकजुटता रही। पहले भी गठबंधन में चुनाव लड़े गये मगर शिकायत होती थी कि सहयोगी दल का साथ नहीं मिला मगर इस चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ता पूरी तन्मयता से एक दूसरे का साथ निभाते नजर आये। दूसरे प्रदेशों में भी सहयोगी दलों के बीच तालमेल अद्वितीय रहा।
भाजपा को सीटों के हुये नुकसान की वजह गिनाते हुये उन्होंने कहा कि भाजपा की हार की वजह उसकी अहंकार और नफरत की राजनीति थी। यह हिन्दुस्तान की संस्कृति और धर्मो के खिलाफ है। हिन्दुस्तान की जनता ने यह दर्शाया कि उन्हें प्रधानमंत्री का विजन पसंद नहीं है। भाजपा गरीब जनता के बीच में नफरत फैला कर चुनाव जीतती थी और उसका फायदा चंद पूंजीपतियों को बांट देती थी। अयोध्या में राम मंदिर के उदघाटन में उद्योगपति, बालीवुड और क्रिकेट की हस्तियां थी मगर गरीब, दलित, किसान नहीं था। जिसका जवाब अयोध्या की जनता ने अपने वोट के जरिये भाजपा को दिया है। उन्होंने अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ता को नसीहत देते हुये कहा कि वे अंहकार के शिकार नहीं होंगे। उन्हें यूपी की जनता के साथ मिल कर देश को नया विजन देना होगा। नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी होगी। उनकी सरकार संसद में महंगाई, बेरोजगारी के खिलाफ जनता की आवाज बुलंद करेगी। संसद में अब हमारे पास पूरी सेना है, लिहाजा विपक्ष में ही बैठकर हम अग्निवीर योजना को रद्द कराने का प्रयास करेंगे।
रायबरेली और अमेठी से कांग्रेस परिवार के रिश्तों की दुहाई देते हुये उन्होंने कहा कि यह रिश्ता 100 सालों से भी पुराना है। जब यहां के किसानों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ झंडा बुलंद किया था तब उनका साथ देने उनके नाना पंडित जवाहर लाल नेहरु यहां आये थे। इस अवसर पर उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया और जनता के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर केसी वेणुगोपाल, के एल शर्मा, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ,प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, पार्टी महासचिव अविनाश पांडे, राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी और विधानमंडल दल की नेता अराधना मिश्रा मोना मौजूद रहीं।
गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी रायबरेली से कांग्रेस सांसद के तौर पर निर्वाचित हुये हैं जबकि अमेठी से गांधी परिवार के करीबी किशोरीलाल शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्मृति ईरानी को हराया है। इंडिया गठबंधन के तहत लड़ी कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में छह सीटें जीती हैं जबकि 2019 में रायबरेली में सोनिया गांधी ही चुनाव जीत सकी थीं और राहुल गांधी को अमेठी सीट गंवानी पड़ी थी। इस बार राहुल गांधी केरल के वायनाड और रायबरेली से चुनाव जीते हैं हालांकि उन्होंने वायनाड को छोड़कर रायबरेली का सांसद बनने का मन बनाया है।