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महाशिवरात्रि के बाद शिव बारात निकालना काशी की मूल परंपरा से खिलवाड़: अजय राय

Edited By Pooja Gill,Updated: 25 Feb, 2025 03:12 PM

taking out shiv procession after mahashivratri is playing

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने काशी की परंपरागत शिव बारात की तिथि बदलने पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध शिव-बारात इस बार शासन-प्रशासन के दबाव में महाशिवरात्रि...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने काशी की परंपरागत शिव बारात की तिथि बदलने पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध शिव-बारात इस बार शासन-प्रशासन के दबाव में महाशिवरात्रि के एक दिन बाद 27 फरवरी को निकालना काशी की मूल परंपरा से खिलवाड़ है। परंपरा के अनुसार, बारात महामृत्युंजय मंदिर, दारानगर से उठकर मैदागिन, बुलानाला, चौक, बाबा धाम गोदौलिया होते हुए चितरंजन पार्क तक जाती है। वहां वधू-पक्ष भांग ठंडई, माला-फूल से बारातियों की अगवानी करती है।

विश्व प्रसिद्ध शिव-बारात 43वें वर्ष में प्रवेश करेगीः अजय राय  
अजय राय ने कहा कि नगर में निकलने वाली विश्व प्रसिद्ध शिव-बारात 43वें वर्ष में प्रवेश करेगी। यह काशी की मूल परंपरा आस्था को समेटे हर काशीवासी के हृदय में बसती है, आखिर काशी की पहचान यहां की संस्कृति ,आस्था ,पुरातन संस्कृति ,अध्यात्म से है और यहां की परंपरा विश्व पटल पर महत्व रखती है। इस परंपरा को लगातार भाजपा सरकार खत्म कर रही है।

महाशिवरात्रि के बाद बारात यह बड़ा प्रश्न हैः अजय राय 
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि महाशिवरात्रि के बाद बारात यह बड़ा प्रश्न है शादी के बाद बारात निकालना यह तो पूर्ण रूप से वैवाहिक परंपरा रीति रिवाज के साथ खिलवाड़ है। 2014 के बाद से लगातार काशी की परंपरा से खिलवाड़ हुई है। हिंदू के नाम पर झूठी ब्रांडिंग करने वाली भाजपा को सनातन की परंपरा से दूर दूर तक मतलब नहीं है। 
 

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