Edited By Ajay kumar,Updated: 27 Dec, 2019 04:31 PM
नागरिकता कानून के विरोध में चली हिंसक आंधी रुकने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ भी सामने...
लखनऊ:नागरिकता कानून के विरोध में चली हिंसक आंधी रुकने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ भी सामने आया है। इसके बाद योगी सरकार ने PFI की हर स्तर पर भूमिका को लेकर जांच तेज करने का निर्देश दिया है। यूपी में अब इस संगठन पर प्रतिबंध लगना तय है।
बता दें कि प्रदेश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर पहले ही प्रतिबंध लग चुका है। CAA के विरोध में प्रदेश में फैली हिंसा में PFI पर प्रतिबंध की तलवार लटक रही है।
नियोजित तरीके से हिंसा करने को उकसाया
वहीं हिंसा के बाद पुलिस ने भी दावा किया है कि PFI की भूमिका संदिग्ध है। पुलिस और सरकार ने दावा किया है कि प्रतिबंधित संगठन सिमी के लोग पीएफआई नाम के संगठन में शामिल हैं इन लोगों ने नियोजित तरीके से हिंसा करने के लिए लोगों को उकसाया है। एक तरफ योगी सरकार ने उपद्रवियों से निपटने के साफ निर्देश दे दिए हैं वहीं पुलिस लगातार जांच कर रही है। जांच इसकी भी हो रही है कि हिंसा सिर्फ भीड़ के गुस्से की वजह से हुई या फिर इसको नियोजित तरीके से कराया गया है। इसके बाद अब तक की जांच में PFI की सक्रिय भूमिका सामने आ गई है।
अलग-अलग जिलों से दर्जन भर से अधिक PFI कार्यकर्ता गिरफ्तार
ताबड़तोड़ छापामारी करके अलग-अलग जिलों से दर्जन भर से अधिक PFI कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। PFI में अब वह लोग सक्रिय हो गए हैं, जो सिमी के प्रतिबंधित होने के बाद से गायब हो गए थे।
13 राज्यों में है PFI की पहुंच
पुलिस के अनुसार पीएफआई खुद को एक ऐसे संगठन के तौर पर प्रदर्शित करता है, जो लोगों को उनके हक दिलाने और सामाजिक हितों के लिए काम करता है। आरोप यह भी है कि पीएफआई पहले भी कई तरह की गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल रहा है। वर्तमान में पीएफआई का असर 13 राज्यों में है और कई मुस्लिम संगठन इससे सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।
सोशल मीडिया को बनाया हथियार
लखनऊ समेत यूपी में हुई हिंसा में अब तक की जांच में पता चला है कि PFI से जुड़े लोगों ने सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सऐप पर भड़काऊ मैसेजेस भेजकर लोगों को उकसाने का काम किया।
लखनऊ के SSP कलानिधि नैथानी ने बताया कि PFI के सक्रिय कार्यकर्ताओं को लखनऊ, शामली और मेरठ से गिरफ्तार भी किया गया है। इनके पास से मोबाइल पर भड़काऊ मैसेजेस और ऐसे दस्तावेज मिले हैं। इनका प्रयोग हिंसा में लोगों को उकसाने में किया गया था।
PFI प्रदेश अध्यक्ष हो चुका है गिरफ्तार
हिंसा के बाद सख्त प्रशासन ने PFI अध्यक्ष वसीम व कोषाध्यक्ष अशफाक के साथ-साथ PFI के अन्य सदस्य नदीम को हाल में ही गिरफ्तार किया है। तीनों के तार सिमी से भी जुड़ने के संकेत मिले हैं।