Edited By Ajay kumar,Updated: 13 Feb, 2024 01:09 PM
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/ एआरओ) प्री परीक्षा-2023 का पेपर लीक होने का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके बाद आयोग ने इस परीक्षा की जांच एसटीएफ से कराने का फैसला लिया है।
प्रयागराजः उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/ एआरओ) प्री परीक्षा-2023 का पेपर लीक होने का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके बाद आयोग ने इस परीक्षा की जांच एसटीएफ से कराने का फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक परीक्षा की जांच के लिए एक आंतरिक समिति का भी गठन किया है। यह समिति जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंपेगी।
प्रदेश के 58 जिलों के 387 केंद्रों पर हुई थी परीक्षा
मालूम हो कि प्रदेश के 58 जिलों के 387 केंद्रों पर रविवार को समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी प्री परीक्षा-2023 हुई थी। इसमें प्रतापगढ़ जिले के राम अंजोर मिश्र इंटर कॉलेज में एक अभ्यर्थी नकल करते रंगे हाथ पकड़ा गया था। इसी मामले में गाजीपुर के एक परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों ने पेपर आउट का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा था। इस परीक्षा में पेपर लीक होने के मामले को लेकर पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था।
परीक्षा निरस्त करने को आयोग पर प्रदर्शन
आरओ/एआरओ पेपर लीक होने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों ने सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर प्रदर्शन किया। 'पेपर लीक है, सरकार बिल्कुल वीक है नारे लगाते हुए आक्रोशित छात्रों ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। छात्रों ने मांग की कि आरओ/एआरओ परीक्षा निरस्त करते हुए दोबारा से कराई जाए। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेता हरेन्द्र कुमार ने दावा किया कि परीक्षा शुरू होने से पहले व्हाट्सएप पर पेपर वायरल हो रहा था। छात्रों के भविष्य के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है। आयोग को चेतावनी दी कि अगर आरओ/एआरओ का पेपर तुरंत निरस्त करके परीक्षा की नई तिथि निर्धारित नहीं की जाती तो प्रदेश सरकार छात्रों का विरोध झेलने को तैयार रहे। पुतला फूंकने वालों में शिवा केसरवानी, आनंद, आदर्श भदौरिया, सद्दाम अंसारी, अवनीश यादव, अजय राज, विकाश, आशुतोष मौर्या आदि शामिल थे।