न्यायमूर्ति महबूब अली का निर्देश- पॉक्सो वादो में अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने के प्रयास में लाए तेजी

Edited By Umakant yadav,Updated: 25 Jul, 2021 06:17 PM

speed up efforts to get maximum punishment to criminals in pocso cases

उत्तर प्रदेश में न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष न्यायमूर्ति महबूब अली ने कहा कि पॉक्सों एक्ट के तहत दर्ज मामलो में प्रभावी पैरवी कर अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने के प्रयास अभियोजन अधिकारियों द्वारा किये जाए।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष न्यायमूर्ति महबूब अली ने कहा कि पॉक्सों एक्ट के तहत दर्ज मामलो में प्रभावी पैरवी कर अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने के प्रयास अभियोजन अधिकारियों द्वारा किये जाए।        

न्यायमूर्ति महबूब अली आज यहां न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में गृह विभाग के सहयोग सें आयोजित कार्यक्रम में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो), पुलिस एवं अभियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा पॉक्सों वादो में पैरवी के लिए विशेष लोक अभियोजकगण के लिये ऑन लाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम मे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पॉक्सों वादो की पैरवी के लिए नियुक्त विशेष लोक अभियोजकगणों को अद्यतन विधिक व्यवस्थाओं से अवगत कराना, व्यावहारिक कठिनाइयों का निराकरण एवं उनको ऐसे मामलों के प्रति और संवेदनशील बनाना था, ताकि इस अधिनियम के तहत संस्थित मामलों का निस्तारण शीघ्र हो सके और अपराधियों को अधिकतम दण्ड दिलाया जा सके।       

संस्थान के अध्यक्ष न्यायमूर्ति महबूब अली ने कार्यक्रम में भाग ले रहे अधिकारियों का आह्वान करते हुए लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के महत्पवूर्ण प्रविधानों पर प्रकाश डाला तथा उनका संवेदनशीलता के साथ विधि सम्मत क्रियान्वयन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि पॉक्सों एक्ट के तहत दर्ज अभियोगों में प्रभावी पैरवी कर अपराधियो को अधिकतम सजा दिलाने के प्रयास अभियोजन अधिकारियों द्वारा किये जाये। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रतिभागी अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बालक राष्ट्र के धरोहर है, जिनका संवर्धन, संरक्षण एवं विकास हम सभी का दायित्व है।       

उन्होंने कहा कि लैंगिक अपराधों से बालको के संरक्षण अधिनियम में इसके अन्तर्गत आने वाले सभी पहलुओं को ध्यान में रखा गया है और यह अपने आप में परिपूर्ण अधिनियम है। उन्होंने बालकों के संरक्षण एवं विकास के सम्बन्ध में शासन की स्पष्ट मंशा पर भी बल दिया और पॉक्सों वादों की पैरवी हेतु नियुक्त विशेष लोक अभियोजकगणों से पूर्ण निष्ठा, योग्यता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्यवाही किये जाने का आह्वान किया। उद्घाटन सत्र के प्रारम्भ में संस्थान के निदेशक राम मनोहर नारायण मिश्रा द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने विचार रखे गये। इस अवसर पर प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, न्याय, आशुतोष पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन आदि ने भी प्रशिक्षणार्थी अधिकारीगणों को भी संबोधित किया।       

लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 विषयक इस एक दिवसीय आन लाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुपालन में प्रदेश शासन के निर्देश पर किया गया। इस आन लाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्थान के संकाय अधिकारियों एवं अतिथि वक्ताओं द्वारा मनोविज्ञान, चिकित्सकीय विधि विज्ञान एवं अन्य लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी।

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