जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव: सपा का आरोप- BJP ने सत्ता का दुरूपयोग कर मुरादाबाद, अमरोहा सीट जीती

Edited By Umakant yadav,Updated: 27 Jun, 2021 01:18 PM

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मुरादाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में नामांकन दाखिल करने के लिए समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अमरीन जहां के समर्थन में बतौर अनुमोदक चाहिए था। परंतु नामांकन के वक्त पर्चा दाखिल करने के लिए कोई नहीं पहुंचा। इस पर सपा जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए जयवीर सिंह...

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडल के मुरादाबाद, अमरोहा में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के सामने समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के नामांकन पत्र ना भरने तथा अमरोहा में तकनीकी खामियों के मद्देनजर नामांकन पत्र जांच में निरस्त होने के बाद 29 जून को नाम वापसी के बाद निर्विरोध निर्वाचन की विधिवत घोषणा की जाएगी। मुरादाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में नामांकन दाखिल करने के लिए समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अमरीन जहां के समर्थन में बतौर अनुमोदक चाहिए था। परंतु नामांकन के वक्त पर्चा दाखिल करने के लिए कोई नहीं पहुंचा। इस पर सपा जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए जयवीर सिंह यादव ने कहा कि भाजपा सत्ता की हनक में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विरुद्ध कार्य कर रही है, जिला पंचायत सदस्यों को धमकाया गया। नामांकन कराने के लिए अनुमोदक को पहुंचने नहीं दिया गया। समय से न पहुंचने की वजह से सपा प्रत्याशी का नामांकन तक दाखिल नहीं हो पाया।

हालांकि शनिवार शाम होने से पहले ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा को वाकओवर देने का आरोपी मानते हुए जिलाध्यक्ष पद से जयवीर सिंह यादव को हटा दिया। समाजवादी पार्टी विधायक मोहम्मद फहीम इरफान ने अपने बयान में सत्ताधारी भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोपी ठहराते हुए सत्ता का दुरुपयोग कर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा ने पुलिस प्रशासन की मदद से सपा प्रत्याशी अमरीन जहां के अनुमोदक को घर में कैद रहने के लिए मजबूर कर दिया। इतना ही नहीं अनुमोदक नाजिम पर मुकदमे दर्ज किये गये और उसके घर को छावनी में तब्दील कर दिया। अनुमोदक नाजिम के नहीं पहुंचने की वजह से सपा प्रत्याशी का नामांकन नहीं हो पाया।

उन्होंने कहा कि मुरादाबाद मंडल में समाजवादी पार्टी के चार विधायक, दो सांसद हैं। अवाम ने सपा के पक्ष में जनादेश दिया था। इस तरह यह अवाम की आवाज दबाने की कोशिश है। भाजपा ने जनादेश का उल्लंघन किया है, जिसका जवाब आगामी विधानसभा चुनाव में देकर जनता भाजपा को सबक सिखलाएगी। अमरोहा विधायक व पूर्व मंत्री महबूब अली की सपा प्रत्याशी पत्नी सकीना के अनुमोदक के आधार पर नामांकन निरस्त होने के बाद महबूब अली ने अपने बयान में कहा है कि सत्ता के दबाव में अधिकारियों द्वारा उनकी पत्नी का बगैर किसी ठोस वजह के नामांकन निरस्त कर चुनाव से वंचित किया जाना लोकतंत्र की हत्या बताया है। सपा नेता महबूब अली ने भाजपा प्रत्याशी के नामांकन के वक्त जुलूस में इतनी भीड उमडी थी कि कोरोना के नियम धाराशायी हो गए थे। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी की अनुमोदक ने चुनाव जीतने के बाद प्रमाण पत्र पर भी दस्तखत किए थे, नामांकन के दौरान अनुमोदक सामने मौजूद थीं।

इस संबंध में जिलाधिकारी बाल कृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद की प्रत्याशी सकीना की अनुमोदक कमरजहां ने जिला पंचायत सदस्य के चुनाव के दौरान अपने आप को निरक्षर बताते हुए अंगूठा लगाया था, जबकि फिलहाल उन्होंने उर्दू में हस्ताक्षर किए हैं। गहनता से जांच करने के बाद हस्ताक्षर सही नहीं पाए गए, जिस के चलते सकीना का नामांकन निरस्त किया गया है। विजेता को विधिवत रूप से अब तीन जुलाई को प्रमाण पत्र सौंपा जाएगा। भाजपा नेता पूर्व सांसद कवंर सिंह तंवर ने समाजवादी पार्टी के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी चुनावों में धांधली करती रही है, इसलिए अनर्गल प्रलाप कर रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जनता ने समाजवादी पार्टी समेत विपक्ष के सभी आरोपों का बखूबी जवाब दे दिया है।

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