Edited By Anil Kapoor,Updated: 22 Apr, 2018 07:26 AM
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा। आगामी लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने के लिए सपा और बसपा ने उत्तर प्रदेश में पहले ही समझौता कर लिया है। दोनों पार्टियों ने इस संबंधी कांग्रेस को पूरी तरह नजरअंदाज किया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा। आगामी लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने के लिए सपा और बसपा ने उत्तर प्रदेश में पहले ही समझौता कर लिया है। दोनों पार्टियों ने इस संबंधी कांग्रेस को पूरी तरह नजरअंदाज किया है। राहुल गांधी के करीबी समझे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मीडिया को कई इंटरव्यू देते हुए कहा कि कांग्रेस ने फूलपुर और गोरखपुर सीटों के उप-चुनाव लड़कर खुद ही अपनी नौका को डुबोया है।
अखिलेश से मुलाकात करने के लिए नियुक्त किए गए एक प्रमुख कांग्रेसी नेता जब उनसे मिले तो पूर्व मुख्यमंत्री ने उनको स्पष्ट किया कि कांग्रेस सपा, बसपा उम्मीदवारों के लिए अपने मतों को स्थानांतरित करने में विफल रही है। अखिलेश का विचार है कि यह बेहतर होगा अगर कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने बल पर लोकसभा चुनाव लड़े।
सपा और बसपा ने संकेत दिया है कि वे अमेठी और रायबरेली की सीटों को छोड़ देंगे, यह कांग्रेस के प्रति उनकी सद्भावना होगी। अखिलेश ने कांग्रेस नेता को यह भी बताया कि वह कांग्रेस को खुश करने के लिए मायावती को नाराज नहीं करेंगे।