कहने को तो बेटा सभासद, लेकिन मां दर-दर की ठोकरे खाने को है मजबूर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Dec, 2017 06:12 PM

son is a member  but mother forced wandering

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक बेटा अपनी मां का इलाज कराना तो दूर उसे अपने साथ घर ले जाने से भी इंकार कर रहा है। वहीं जब पीड़िता पर सामाजिक सं.;.

आजमगढ़ः उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक बेटा अपनी मां का इलाज कराना तो दूर उसे अपने साथ घर ले जाने से भी इंकार कर रहा है। वहीं जब पीड़िता पर सामाजिक संगठन की नजर पड़ी तो वह अब उसे वृद्धा आश्रम भेजने की तैयारी कर रहे हैं।

जानिए पूरा मामला
दरअसल जिले के जिला अस्पताल में बने रैनबसेरा में एक महिला लावारिस हाल में लगभग 3 महीने से पड़ी है। जिसके पैर में प्लास्टर लगा हुआ था। आने-जाने वाले अवांछित तत्व उसे आए दिन परेशान किया करते थे। इसी बीच एक सामाजिक संगठन के सदस्य की नजर जब इस वृद्ध महिला पर गई तो उसने महिला से पूछ-ताछ शुरू की। तब पता चला कि उसका नाम सुमन है। जिसे उसके रिश्तेदार 3 महीने पहले जिला अस्पताल में छोड़कर चले गए और फिर कभी वापस ही नहीं आए।

वर्तमान में सभासद है बेटा 
पीड़िता के अनुसार महिला का मायका लालगंज तहसील के ठेकमा में है जबकि ससुराल महराजगंज कस्बे में है। महिला का बेटा पवन मद्धेशिया जो की वर्तमान में सभासद है, लेकिन वह अपनी मां का न तो इलाज करा रहा है और न ही उसे अपना रहा है।

महिला को  भेजा जाएगा वृद्धा आश्रम
महिला की आप बीती सुनकर सामाजिक संगठन जागो युवा सेवा संस्थान के सचिव विनित सिंह रीशु अपने टीम के साथ पहुंचे। उन्होंने महिला के पैर में लगे प्लास्टर को कटवाया। समाजसेवी का कहना है कि उसके लड़के से बात हुई, लेकिन वह अपनी मां को ले जाने के लिए तैयार ही नहीं है। सामाजिक संगठन ने प्राथमिक मदद के तौर पर महिला को गर्म कपड़े उपलब्ध करा दिए है और उनका कहना है कि जल्द ही महिला को वृद्धा आश्रम भेजा जाएगा। 
 

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