हर हर महादेव के जयकारों से गूंजे शिव मंदिर

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 21 Feb, 2020 02:30 PM

shiva temple echoed with the shouts of har har mahadev

महाशिवरात्रि के महापर्व पर उत्तर प्रदेश की वीरांगना नगरी झांसी में शुक्रवार की सुबह से ही पूरे जनपद में भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में जलाभिषेक कर दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र होने लगी। महानगर के शिववालय हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठे।...

झांसीः महाशिवरात्रि के महापर्व पर उत्तर प्रदेश की वीरांगना नगरी झांसी में शुक्रवार की सुबह से ही पूरे जनपद में भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में जलाभिषेक कर दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र होने लगी। महानगर के शिववालय हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठे। श्रृद्धालु अपने पूरे परिवार के साथ भूतनाथ के दर्शनों को घंटों कतार में खड़े दिखाई दिए।

आदियोगी भूतेश्वर महादेव का यह महापर्व उनके भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस महत्व के कारण ही ब्रम्हमुहूर्त में लोग स्नान करने के बाद भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने और उनका अभिषेक करने के लिए उमड़ पड़े। आज के दिन लोग वर्ष भर इंतजार करने के बाद अपने ईष्ट के प्रथम दर्शन की आस लगाए रहते हैं हालांकि महानगर के कुछ खास मंदिरों में उनकी इस इच्छा की पूर्ति 8 बजने के बाद ही हो सकी। महानगर के सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के महन्त और महानगर धर्माचार्य हरिओम पाठक ने बताया कि आज भगवान सिद्धेश्वर महादेव का प्राकट्य दिवस और स्थापना दिवस दोनों ही हैं। सुबह चार बजे ब्रम्ह मुहूर्त में भगवान भूतनाथ का सर्वप्रथम ढाई मन दूध से दुग्धाभिषेक किया गया, उसके बाद गंगाजल अभिषेक और मंगला आरती की गई।

उन्होंने बताया कि उसके बाद भगवाना भोलेनाथ का मंत्रोचार के साथ श्रृंगार किया गया। उसके बाद भक्तों के लिए 8 बजे महाआरती का आयोजन किया गया। उसके बाद से अभी तक श्रृद्धालुओं की कतार लगी हुई है। सभी महादेव के दर्शन पाकर अपने जीवन को धन्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार की महाशिवरात्रि का महायोग है। वैसे शिवरात्रि 14 को होती थी। किसी भी वैवाहिक कार्य को 14 व अमावस में पूर्ण नहीं किया जाता। लेकिन इस बार शिवरात्रि 13 और 14 को है। जो अति शुभ है। यह मुहूर्त उस समय भी था जब भगवान भोलेनाथ का वास्तव में विवाह हुआ था। उन्होंने बताया कि शुक्रवार/शनिवार की रात 12 बजे से भगवान के विवाह का कार्यक्रम शुरु होकर गौधूलि बेला में सम्पन्न कराया जाएगा। पूरे दिन भगवान का कीर्तन व रामचरित मानस के अखण्ड पाठ भी चलते रहते हैं।

इस अवसर पर महानगर के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारे सुबह से ही दिखायी देने लगी। त्योहार पर शांति और शहर के संकरे इलाकों में भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने देने के लिए पुलिस प्रशासन भी पूरी तैयारी में दिखायी दिया। ज्यादा भीड़भाड़ वाले मंदिरों में पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात रहा। महानगर के प्रमुख चौराहों और मुख्य मंदिरों की ओर जाने वाले मार्गों पर पुलिसकर्मी मुस्तैदी से ड्यूटी निभाते नजर आये।

शहर में ही नहीं गांवों में भी महाशिवरात्रि का महापर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। लोग शिवालयों में एक दिन पूर्व से ही अखण्ड रामायण का पाठ शुरु कर देते हैं। रात के 12 बजे शिव-पार्वती का विवाह का प्रसंग भी समूह के साथ पढ़ा जाता है। यही नहीं लोग पूरे विधि विधान के साथ भगवान भोलेनाथ और जगदम्बा पार्वती का विवाह समन्न करा कर दूसरे दिन पूड़ी और शक्कर का चूरमा(मलीदा) का प्रसाद लगाकर लोगों को खिलाते हैं। कहीं-कहीं बारात निकालकर भण्डारा भी करते हैं। ऐसा ही आयोजन ग्राम बढ़वार के शिवालय में भी कराया जा रहा है। वहां दिन में बारात निकालकर रात में विधि विधान से वैवाहिक रस्म अदा कराई जाएगी। यह आयोजन गांव के ही एक परिवार के द्वारा कराया जाता है और पूरा गांव में उसमें बढ़चढ़कर हिस्सा लेता है। 
 

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