Edited By Ramkesh,Updated: 19 Sep, 2024 05:24 PM
उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में गन्ना समिति का अजीबो गरीब कारनामा सामने आया है जहा समिति के अधिकारियों ने एक ही गांव के 54 किसानों को मृत घोषित कर दिया। पूरे मामले की पोल पट्टी तब खुली जब मृत घोषित किए गए किसान गन्ना सोसाइटी में आ धमके और बोले साहब...
शामली, ( पंकज मलिक): उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में गन्ना समिति का अजीबो गरीब कारनामा सामने आया है जहा समिति के अधिकारियों ने एक ही गांव के 54 किसानों को मृत घोषित कर दिया। पूरे मामले की पोल पट्टी तब खुली जब मृत घोषित किए गए किसान गन्ना सोसाइटी में आ धमके और बोले साहब हम जिंदा है। जब किसानों को मृत दर्शाने की बात भारतीय किसान यूनियन को पता चली तो भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी भी समिति पहुंचे और जमकर हंगामा किया जहा हंगामे के दौरान गन्ना समिति के कर्मचारियों सहित डीसीओ का घेराव किया।
बिना किसी सत्यापन के दिखाया गया मृत- किसानों का आरोप
दरअसल, पूरा मामला गन्ना समिति शामली का है। जहा पर गुरुवार को उस समय बखेड़ा खड़ा हो गया।जब समिति द्वारा जिला मुजफ्फरनगर के गांव बुडिना कला के मृत दर्शाए गए करीब 54 किसान समिति आ पहुंचे।जहा पर उन्होंने बताया कि उनके गांव का गन्ने से संबधित सभी प्रकार का लेखा जोखा शामली की गन्ना समिति में किया जाता है।किसानो का कहना है कि समिति द्वारा उन्हें कागजों में मृत दर्शा दिया गया है।जबकि वह साक्षात सबके सामने खड़े है।किसानो ने बताया कि आने वाले कुछ दिनो में गन्ना समिति के चेयरमैन पद ,डायरेक्टर पद व डेलीगेट पद के लिए चुनाव होने है।जिसको लेकर राजनीति के चलते समिति के कर्मचारियों द्वारा बिना किसी सत्यापन के उन्हे मृत घोषित कर दिया।
नाराज किसानों ने जमकर काटा हंगामा
किसानों ने बताया कि इस बात का पता उन्हें गांव के ही अन्य किसानों से पता चला। समिति का कारनामा किसानों को मृत घोषित करने तक ही नहीं रुका बल्कि फर्जी गवाह भी समिति के द्वारा तैयार किए गए।जिनके द्वारा बकायदा किसानों को मृत घोषित करने के लिए हस्ताक्षर भी किए गए है।किसानो को मृत घोषित किए जाने की बात जब भाकियू को पता चली तो भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी भी गन्ना समिति आ पहुंचे और उन्होंने किसानों के साथ मिलकर जमकर हंगामा किया।जहा उन्होंने डीसीओ सहित अन्य कर्मचारियों को अपने बीच बैठा लिया और समिति द्वारा किए गए कारनामों के संबंध में जवाब तलब किया।लेकिन डीसीओ और समिति के अन्य अधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे रहे।
किसानों की शिकायत पर जिला अधिकारी ने गन्ना पर्यवेक्षक को हटाया
धीरज लाटियान(प्रदेश महासचिव भाकियू ) ने कहा कि अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि गन्ना समिति द्वारा किए गए कारनामों को लेकर इसमें शामिल कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई अमल में लाई जाती है। क्या किसानो का सत्यापन करने के लिए समिति के कर्मचारी गांव में जाते है और गांव में जाकर सत्यापन करते है और अगर इतनी बड़ी तादाद में एक ही गांव के किसान मृत घोषित पाए जाते है तो समिति के कर्मचारियों की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है सवाल यह भी है कि आखिर समिति द्वारा मृत किसानों के मृत्यु प्रमाण पत्र लिए बगैर ही किसानों को मृत घोषित कैसे कर दिया। वही इस पूरे मामले में जिला गन्ना अधिकारी शामली रंजीत सिंह कुशवाहा का कहना है कि अभी कुछ किसान आए थे ये शिकायत प्राप्त हुई थी।तभी तत्काल संबंधित गन्ना पर्यवेक्षक से लेकर के सभी लोगो को पढ़कर सुना दी गई है जो भी त्रुटियां है तत्काल उन त्रुटियों को दूर करने के लिए उस गन्ना पर्यवेक्षक के साथ दूसरा गन्ना पर्यवेक्षक भेज दिया गया है जो शाम तक सही होकर आ जाएगी।