Edited By Ramkesh,Updated: 29 Jun, 2024 01:30 PM
अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के आरोप को उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा कि नियमावली में स्पष्ट है कि न्यूनतम अर्हता अंक न मिलने पर भी नाट फाउंड सूटेबल अंकित नहीं किया जाता है।...
प्रयागराज: अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के आरोप को उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा कि नियमावली में स्पष्ट है कि न्यूनतम अर्हता अंक न मिलने पर भी नाट फाउंड सूटेबल अंकित नहीं किया जाता है। रिक्तियों के सापेक्ष किसी भी श्रेणी में अभ्यर्थी न्यूनतम अर्हता अंक नहीं पाते तो या उपलब्ध नहीं होते तो ऐसी अनभरी रिक्तियों को किसी अन्य श्रेणी में परिवर्तित करने का अधिकार आयोग को नहीं है।
UPPSC ने सफाई में कहा कि आरक्षित पदों को अनारक्षित पदों में परिवर्तित करने का कोई प्रावधान नहीं है। साक्षात्कार प्रक्रिया कोडिंग आधारित है, जिसमें अभ्यर्थियों के क्रमांक, नाम, रजिस्ट्रेशन संख्या, अनुक्रमांक, श्रेणी और आयु को ढककर सेलो टेप से चिपकाया जाता है। इस तरह व्यक्तिगत विवरण इंटरव्यू काउंसिल के सामने नहीं रखा जाता है। साक्षात्कार परिषद द्वारा 'नॉट स्यूटेबल' अंकित नहीं किया जाता है, बल्कि ग्रेडिंग अंकित की जाती है।
यूपीपीएससी ने कहा कि इंटरव्यू के बाद इंटरव्यू काउंसिल के सदस्य और प्राविधिक परामर्शदाताओं दी गई ग्रेडिंग को औसत के सिद्धांत के आधार पर अंकों में परिवर्तित कर मार्कशीट में अंकित किया जाता है, जिस पर सदस्य और प्राविधिक परामर्श अदाओं के हस्ताक्षर होते हैं। इसके बाद उनके सामने ही मार्कशीट का लिफाफा सील किया जाता है। आयोग की ओर से कहा गया है कि रिक्तियों के सापेक्ष अगर किसी श्रेणी में अभ्यर्थी न्यूनतम अर्हता अंक हासिल नहीं करते या उपलब्ध नहीं होते तो ऐसी सभी रिक्तियों को आयोग स्तर पर किसी अन्य श्रेणी में परिवर्तित करने का अधिकार नहीं है। शासनादेश में विहित प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई करते हुए ऐसी रिक्तियां कैरी फॉरवर्ड की जाती हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा कि प्रदेश सरकार की साक्षात्कार वाली नियुक्तियों में ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को यह कहकर छांट दिया जाता है कि वह योग्य नहीं हैं और बाद में इन पदों को अनारक्षित घोषित कर दिया जाता है। अन्य कैटेगरी के अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी जाती है। ऐसे में इस पर तुरंत रोक लगा देना चाहिए। फिलहाल इसे लेकर आयोग ने सफाई दे दी है।
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लखनऊ: अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर कहा कि प्रदेश सरकार की साक्षात्कार वाली नियुक्तियों में ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को यह कहकर छांट दिया जाता है कि वह योग्य नहीं हैं और बाद में इन पदों को अनारक्षित घोषित कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ओबीसी अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।