Edited By Ramkesh,Updated: 27 Jun, 2024 12:57 PM
![remove sengo from parliament and put up a copy of the constitution](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_12_56_23049615927june55-ll.jpg)
समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी के एक बयान सियासी गर्मी बढ़ा दी है। दरअसल, उन्होंने संसद में लगे सेंगोल का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अगर लोकतंत्र को बचाना है तो इसे संसद से हटा दें और हम बड़ी मजबूती से सेंगोल विरोध करेंगे। चौधरी ने कहा कि...
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी के एक बयान ने सियासी गर्मी बढ़ा दी है। दरअसल, उन्होंने संसद में लगे सेंगोल का विरोध किया है। सांसद ने कहा कि अगर लोकतंत्र को बचाना है तो इसे संसद से हटा दें और हम बड़ी मजबूती से सेंगोल का विरोध करेंगे। चौधरी ने कहा कि सेंगोल का मतलब है 'राजा का डंडा'। जब राजतंत्र था तो राजा किसी मामले पर फैसला सुनाता था तो वह छड़ी पीटता था। अब देश संविधान से चलेगा न कि राजतंत्र से चलेगा। उन्होंने का कि लोकसभा में स्पीकर साहब ने कहा कि कांग्रेस के समय में लगा इमरजेंसी को भूले नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां तक सेंगोल का मुद्दा है उस का हम विरोध करेंगे, मेरा मानना है कि लोकतंत्र को बचाना है तो इसे संसद से हटाना होगा। आरके चौधरी ने कहा कि, "संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है। इसे लेकर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को चठ्ठी भी लिख कर सेंगोल को हटाए जाने की मांग की है।
आप को बता दें कि अपने पिछले कार्यकाल में पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने संसद में 'संगोल' (Sengol) स्थापित किया। इसे लेकर पहले ही विरोध विपक्ष के नेताओं ने किया था, स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसे लेकर आवाज बुलंद की थी, विपक्ष का मानना है कि 'संगोल' का मतलब 'राज-दंड' होता है। इसका मतलब 'राजा का डंडा' भी होता है। सियासत व्यवस्था को खत्म करने के बाद देश आजाद हुआ। देश राजा के डंडे से चलेगा या संविधान से? मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए संसद से सेंगोल को हटाया जाए।
वहीं आरके चौधरी के बयान पर अखिलेश यादव ने कहा, "मुझे लगता है कि हमारे सांसद शायद इसलिए ऐसा कह रहे हैं क्योंकि जब इसे (सेंगोल) स्थापित किया गया था, तो प्रधानमंत्री ने इसके सामने सिर झुकाया था। शायद शपथ लेते समय वे इसे भूल गए। हो सकता है कि मेरे सांसद ने उन्हें याद दिलाने के लिए ऐसा कहा हो...जब प्रधानमंत्री इसके सामने सिर झुकाना भूल गए, तो शायद वे भी कुछ और चाहते थे। फिलहाल इस बयान के बाद एक बार फिर सेंगोल को लेकर सियासत गर्म हो गई है।