Edited By Anil Kapoor,Updated: 24 Jan, 2023 12:25 PM

धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा दिए गए विवादित बयान (Controversial Statement) पर विश्व में सबसे अधिक धार्मिक पुस्तकें छापने वाले गीता प्रेस प्रबंधन ने आपत्ति जाहिर की है।...
गोरखपुर(रुद्र प्रताप): धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा दिए गए विवादित बयान (Controversial Statement) पर विश्व में सबसे अधिक धार्मिक पुस्तकें छापने वाले गीता प्रेस प्रबंधन ने आपत्ति जाहिर की है। गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने कहा कि विवादित बयान (Controversial Statement) देने वाले धार्मिक ग्रंथों की भाषा और उसके अर्थ को नहीं जानते हैं। उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि अवधि भाषा, बृज भाषा, मैथिली भाषा, छत्तीसगढ़ी समेत अनेक भाषाओं में ग्रंथ है, जिन्हें हिंदी के आधार पर नहीं समझना चाहिए। रामचरितमानस ग्रंथ सब को जोड़ने वाला है। इस ग्रंथ में भगवान राम द्वारा निषाद राज को गले लगाने, शबरी के घर जाने का वर्णन है, इसलिए इस जोड़ने वाले ग्रंथ को तोड़ने वाला ग्रंथ बताना पूरे हिंदू समाज का अपमान करना है।
विदेशों में भी रामचरितमानस की मांग
प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि गीता प्रेस में 9 भाषाओं में रामचरितमानस की छपाई होती है। एक साल में 5 लाख से अधिक प्रतियां इस ग्रंथ की बिकती हैं। उन्होंने कहा कि, रामचरितमानस की मांग छपाई की प्रतियों से अधिक है। रामचरितमानस के 10 संस्करण हैं। जिसे देश और विदेशों में भी लोग खूब पसंद करते हैं। गीता प्रेस में अब तक 90 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकें छप चुकी हैं। प्रत्येक वर्ष सवा दो करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकों की छपाई होती है।
काफी शोध के बाद छपा रामचरितमानस
प्रबंधक लालमणि तिवारी ने कहा कि गीता प्रेस में जब रामचरितमानस ग्रंथ का प्रकाशन शुरू हुआ था, तो शोध की टीम ने देश के कोने कोने में जाकर हस्तलिखित प्रतियों को इकट्ठा किया। इन प्रतियों के आधार पर पहली बार रामचरितमानस की पुस्तक छापी गई। उन्होंने कहा कि धार्मिक पुस्तकें शोध के बाद ही छपती हैं।
मानस पीयूष है व्याख्याओं का संग्रह
प्रबंधक लालमणि तिवारी ने कहा कि अंजनी नंदन शरण के द्वारा संपादित मानस पीयूष रामचरितमानस की टीका है। मानस पीयूष में रामचरितमानस के श्लोक और चौपाई के व्याख्याओं का संग्रह है। जिसे पढ़कर लोग रामचरितमानस के चौपाई और श्लोक को अर्थ सहित समझ सकते हैं।