Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 11:31 AM
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक 2017 को जन विरोधी और मरीज विरोधी करार दिया। इतना ही नहीं...
नोएडाः इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक 2017 को जन विरोधी और मरीज विरोधी करार दिया। इतना ही नहीं मंगलवार को देशभर के निजी अस्पतालों को 12 घंटे बंद रखने का आह्वान किया। हड़ताल के तहत नोएडा में भी करीब 2 हजार डॉक्टर हड़ताल पर चले गए।
ओपीडी में दो गुणी संख्या में मरीज पहुंचे
जिसके चलते शहर के ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी बंद रही। इसका सीधा असर जिला अस्पताल में दिखार्इ दिया। यहां पिछले दिन के मुकाबले ओपीडी में दो गुणी संख्या में मरीज पहुंचे। अचानक दोगुणी संख्या में मरीजों के पहुंचने के चलते लोगों को घंटो तक अपना नंबर आने का इंतजार करना पड़ा।
मरीजों को करना पड़ा लंबा इंतजार
वहीं ओपीडी बंद करने पर खांसी से लेकर अन्य बिमारियों से जुझ रहे लोगों को इलाज के लिए जिला अस्पताल का रूख करना पड़ा। यहीं कारण रहा कि सुबह 9 बजे के बाद जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या कम होने की जगह धीरे धीरे बढ़ गर्इ। जहां एक जनवरी को जिला अस्पताल की ओपीडी में करीब 1200 लोग पहुंचे थे, वहीं मंगलवार को ओपीडी में दिखाने पहुंचने वाले मरीजों की संख्या सीधे 2400 के आसपास पहुंच गर्इ। अचानक भीड़ बढ़ने की वजह से मरीजों को घंटो कतार में खड़े होकर अपने नंबर का इंतजार करना पड़ा।
जारी रही इमरजेंसी सेवाएं
बता दें शहर के ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी बंद रहने के साथ ही इमरजेंसी सेवाएं जारी रही। इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों को देखने के लिए भी डॉक्टर पहुंचे। ऐसे में अस्पताल में पहुंचने वाले जिन मरीजों की हालत गंभीर लगी। इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर्स ने उन्हें तुरंत देखने के साथ ही उपचार किया। जिसके चलते इमरजेंसी आम दिनों की तरह मंगलवार को भी चलती दिखी।