Edited By Ajay kumar,Updated: 24 May, 2024 04:52 PM
संगम नगरी का प्रतिनिधित्व भारत रत्न'पुरुषोत्तमदास टंडन, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और वीपी सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा और फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गज कर चुके हैं।
प्रयागराजः संगम नगरी का प्रतिनिधित्व भारत रत्न'पुरुषोत्तमदास टंडन, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और वीपी सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा और फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गज कर चुके हैं। इस बार यहां दो सियासी घरानों के चिरागों के बीच मुख्य मुकाबला है। भाजपा से जहां यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के पुत्र नीरज त्रिपाठी मैदान में हैं तो वहीं, सपा-कांग्रेस गठबंधन से पूर्व मंत्री रेवती रमण सिंह के पुत्र तीन बार के विधायक और पूर्व मंत्री उज्ज्वल रमण सिंह मैदान में हैं। उज्ज्वल रमण सिंह एक मंझे हुए राजनेता हैं जबकि नीरज त्रिपाठी अपने चुनावी सफर की शुरुआत कर रहे हैं।
दोनों 'शहजादों' पर अपने- घरानों की राजनीतिक विरासत आगे बढ़ाने का दारोमदार
संगम नगरी दोनों 'शहजादों' पर अपने- घरानों की राजनीतिक विरासत आगे बढ़ाने का दारोमदार है। उज्ज्वल के पिता रेवती रमण सिंह ने 2004 और 2014 के बीच लोकसभा में इलाहाबाद का प्रतिनिधित्व किया था। इस सीट पर 25 मई को मतदान होगा। यहां तीसरे प्रमुख उम्मीदवार बसपा के रमेश कुमार पटेल हैं। नीरज की सबसे बड़ी ताकत उनके पिता की विरासत और आरएसएस की शक्ति है। लेकिन उनका कमजोर पक्ष यह है कि लोकसभा के मैदान में उतरने से पहले उन्हें क्षेत्र में आसपास नहीं देखा गया था। दूसरी ओर, उज्जवल तीन बार विधायक और मंत्री रह चुके हैं।
4 विस सीटों पर भाजपा व एक पर सपा काबिज
इस संसदीय सीट के तहत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से 4 इलाहाबाद दक्षिण, करछना, कोरांव और बारा पर भाजपा और मेजा पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है।
रीता बहुगुणा और नंदी की भूमिका अहम
इलाहाबाद लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व वर्तमान में भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी कर रही हैं। माना जाता है कि नीरज त्रिपाठी ने सीट पाने के लिए मौजूदा सांसद रीता बहुगुणा जोशी और राज्य मंत्री नंद गोपाल गुप्ता को पीछे छोड़ दिया है। उनकी संभावनाएं इस बात पर निर्भर करती हैं कि ये दोनों नेता और इस सीट से टिकट की जुगत में लगीं पूर्व विधायक नीलम करवरिया उनका समर्थन कैसे करते हैं। उज्ज्वल रमण सिंह को निर्वाचन क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में भी फायदा मिल रहा है। उन्हें करछना क्षेत्र में अपने पिता के घर-घर नेटवर्क की बुनियाद भी विरासत में मिली हुई है। वहीं, नीरज त्रिपाठी को लगभग 25,000 अधिवक्ताओं का समर्थन प्राप्त है।