Edited By Anil Kapoor,Updated: 18 May, 2018 01:20 PM
सांसद हेमा मालिनी कान्हा की दीवानी हैं तो कान्हा की नगरी के लोगों की सबसे बड़ी समस्या खारे पानी की है। इसके चलते लोग गांवों से पलायन करने को मजबूर हैं। करीब साढ़े 4 साल पहले सिनेस्टार हेमा मालिनी जब मथुरा आई थीं तो उन्होंने घोषणा की थी कि....
मथुरा: सांसद हेमा मालिनी कान्हा की दीवानी हैं तो कान्हा की नगरी के लोगों की सबसे बड़ी समस्या खारे पानी की है। इसके चलते लोग गांवों से पलायन करने को मजबूर हैं। करीब साढ़े 4 साल पहले सिनेस्टार हेमा मालिनी जब मथुरा आई थीं तो उन्होंने घोषणा की थी कि वह मथुरा से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं तो लोगों ने उन्हें इस उम्मीद के साथ सिर-आंखों पर बिठाया कि स्थानीय नेताओं की बजाय शायद वह उनकी परेशानियों को ज्यादा बेहतर तरीके से समझेंगी लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।
महावन तहसील का गांव इब्राहिमुपर आजादी के बाद से ही 2.5 लाख रुपए के लिए तरस रहा है, अगर यह धनराशि मिल जाए तो गांव की तकदीर ही पलट जाएगी। प्रदेश सरकार की योजना एक तरफ लोगों को आर.ओ. का पानी पिलाने की है तो दूसरी ओर मथुरा के गांवों में आज भी महिलाएं कई किलोमीटर चल कर पीने का पानी ला रही हैं। उनका पूरा दिन पानी का इंतजाम करने में ही निकल जाता है।
यह भी विडम्वना है कि गांवों के विकास के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं लेकिन खारे पानी की समस्या के समाधान के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर सरकार तक कोई गंभीर नहीं है। महावन तहसील के गांव इब्राहिमपुर की आबादी करीब 1100 है। यहां महिलाएं 2 से 3 किलोमीटर चल कर पीने का पानी लाती हैं। महिलाओं का पूरा दिन पानी की व्यवस्था में चला जाता है। दूसरी ओर वे अपने बच्चों पर भी ध्यान नहीं दे पाती हैं जिससे उनकी शिक्षा और परवरिश भी प्रभावित हो रही है।
ग्राम प्रधान का कहना है कि 2 से 2.5 लाख रुपए खर्च कर मीठे पानी की पाइप लाइन दूसरे गांव से लाई जा सकती है लेकिन बजट नहीं है। वहीं ग्राम प्रधान अपने पूरे कार्यकाल में कई लाख रुपए के काम कराता है। ये काम कागजों में हो जाते हैं, गांव में नजर नहीं आते हैं। ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि अब इस गांव में लोग अपनी बेटी की शादी करने से मना करने लगे हैं, कोई नहीं चाहता कि उनकी बेटी का पूरा दिन सिर पर पानी ढोते निकल जाए। यह समस्या दशको पुरानी है, लेकिन सरकार के पास गांव को देने के लिए 2.5 लाख रुपए नहीं हैं।