Edited By Anil Kapoor,Updated: 11 May, 2019 03:49 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनभद्र में विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी देश कमजोर सरकारों के रहते कभी शक्तिशाली नहीं बना है। जितनी ज्यादा मजबूत सरकार, उतना ही ज्यादा शक्तिशाली और सुरक्षित देश। उन्होंने कहा कि आपका एक वोट....
सोनभद्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनभद्र में विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी देश कमजोर सरकारों के रहते कभी शक्तिशाली नहीं बना है। जितनी ज्यादा मजबूत सरकार, उतना ही ज्यादा शक्तिशाली और सुरक्षित देश। उन्होंने कहा कि आपका एक वोट, भारत में एक शक्तिशाली सरकार का गठन करेगा। एक ऐसी सरकार, जो देश का गौरव उस ऊँचाई पर ले जाएगी, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है। 21 साल पहले आज ही का वो दिन था, जब भारत ने परमाणु परीक्षण किया था, ऑपरेशन शक्ति को सफलतापूर्वक पूरा किया था। मैं उन सभी वैज्ञानिकों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपनी मेहनत से देश को गौरवान्वित किया।
मोदी ने कहा कि 1998 की ये ऐतिहासिक घटना बताती है कि एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति देश की सुरक्षा के लिए क्या कुछ कर सकती है। इस परीक्षण से साफ हो गया कि भारत के पास इतना बड़ा सामर्थ्य पहले से था लेकिन वाजपेयी सरकार से ठीक पहले की सरकार में वो हिम्मत नहीं थी कि ऐसा कर सके। ऐसी ऐतिहासिक उपलब्धि तब हासिल होती है, जब राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि हो। तभी आप में परमाणु परीक्षण जैसे बड़े फैसले करने की हिम्मत पैदा होती है। तभी आप अंतरिक्ष में भी मिशन शक्ति की हिम्मत दिखाते हैं,तभी आप आतंकवाद को भी मुंहतोड़ जवाब दे पाते हैं।भाजपा ने-एनडीए ने, हमेशा इसी मूलमंत्र को अपनाए रखा है।
पीएम ने कहा कि जब भी महामिलावटी सरकार होती है, तो वो राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डाल देती है। याद कीजिए जब थर्ड फ्रंट की महामिलावटी सरकार थी, यही समाजवादी पार्टी मंत्रिमंडल में शामिल थी, तब इन्होंने देश का क्या हाल कर दिया था। हमारे खुफिया तथा सुरक्षा तंत्र से जुड़े कई लोगों ने इस बारे में लिखा है। उन्होंने बताया है कि किस प्रकार महामिलावटी सरकार ने हमारे पूरे खुफिया तंत्र को ही कमजोर कर दिया था। इसका खामियाजा पूरे देश को लंबे समय तक भुगतना पड़ा था। दुर्भाग्य से, अटल जी की सरकार जाने के बाद, देश ने फिर ऐसी कमजोर सरकार देखी, ऐसे महामिलावटी लोगों की सरकार देखी, जिसने देश की साख को दांव पर लगा दिया।
उन्होंने कहा कि इतना भ्रष्टाचार, लाखों करोड़ों के घोटाले, आसमान छूती महंगाई, हर तरफ जैसे त्राही-त्राही मची हुई थी। 1वीं सदी के इतने अहम समय में भारत के वो 10 साल बर्बाद हो गए।लेकिन आपको पता है, कांग्रेस और उसके साथियों को इसका मलाल नहीं है। उनके तो सोचने का ही तरीका है- "हुआ तो हुआ"। देश घोटालों से घिर गया, देश का नाम दुनिया भर में बदनाम हुआ, लेकिन वो कहते रहे- हुआ तो हुआ।