Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 17 Nov, 2019 12:55 PM
मुस्लिम पक्ष कारों ने अयोध्या मामले पर हाल में आये उच्चतम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ अपील दाखिल किये जाने की इच्छा जताते हुए शनिवार...
लखनऊः मुस्लिम पक्ष कारों ने अयोध्या मामले पर हाल में आये उच्चतम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ अपील दाखिल किये जाने की इच्छा जताते हुए शनिवार को कहा कि मुसलमानों को बाबरी मस्जिद के बदले कोई जमीन भी नहीं लेनी चाहिये। इन पक्ष कारों ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी से नदवा में मुलाकात के दौरान यह ख्वाहिश जाहिर की।
बताते चलें कि बोर्ड के सचिव जफरयाब जीलानी ने बताया कि मौलाना रहमानी ने रविवार को नदवा में ही होने वाली बोर्ड की वर्किंग कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक से पहले रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले से जुड़े विभिन्न मुस्लिम पक्ष कारों को राय जानने के लिये बुलाया था। उन्होंने बताया कि मामले के मुद्दई मुहम्मद उमर और मौलाना महफूजुर्रहमान के साथ-साथ अन्य पक्ष कारों हाजी महबूब, हाजी असद और हसबुल्ला उर्फ बादशाह ने मौलाना रहमानी से मुलाकात के दौरान कहा कि उच्चतम न्यायालय का निर्णय समझ से परे है, लिहाजा इसके खिलाफ अपील की जानी चाहिये। इसके अलावा एक अन्य पक्षकार मिसबाहुद्दीन ने भी फोन पर बात करके यही राय जाहिर की।
जीलानी ने बताया कि इन पक्ष कारों ने यह भी कहा कि मुसलमानों को बाबरी मस्जिद के बदले कोई जमीन नहीं लेनी चाहिये। मालूम हो कि उच्चतम न्यायालय ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में गत नौ नवम्बर को फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को मस्जिद निर्माण के लिये अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जीलानी ने इस निर्णय में अनेक विरोधाभास बताते हुए कहा था कि वह इससे संतुष्ट नहीं हैं। अब रविवार को नदवा में बोर्ड की वर्किंग कमेटी इस निर्णय के खिलाफ अपील करने या न करने तथा मस्जिद के लिये जमीन के मसले पर कोई फैसला लिया जाना है।