पूर्वांचल विकास के सिलसिले में हुई बैठक, विभिन्न परियोजनाओं का हुआ प्रस्तुतीकरण

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 18 Sep, 2020 08:39 AM

meeting held in connection with purvanchal development

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जिलों के समग्र विकास के संबंध में विभिन्न विभागों की तरफ से तैयार की गई कार्य योजना तथा उसके क्रियान्वयन की रणनीति पर विचार-विमर्श

लखनऊः उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जिलों के समग्र विकास के संबंध में विभिन्न विभागों की तरफ से तैयार की गई कार्य योजना तथा उसके क्रियान्वयन की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्य सचिव आर. के तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पूर्वांचल से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं का प्रस्तुतीकरण भी किया गया।

बैठक में कृषि, सिंचाई, मत्स्य पालन, उद्योग, पर्यटन आईटी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, व्यावसायिक शिक्षा, बेसिक, माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा एवं परिवहन विभाग द्वारा पूर्वांचल के समग्र विकास के लिए तैयार की गई कार्य योजना पर विभागवार समीक्षा तथा उसके क्रियान्वयन के रोडमैप पर गहन चर्चा की गई। बैठक में थारू जनजाति की खेती के पारम्परिक तरीकों में सुधार एवं अनुसंधान पर बल दिया गया।

मुख्य सचिव ने कृषि अनुसंधान परिषद के माध्यम से थारू जनजाति के पारंपरिक उत्पादों को चिह्नित कर उनकी गुणवत्ता में सुधार, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने तथा मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा, जिससे कि उनकी आमदनी बढ़े और जीवन स्तर में सुधार हो।

प्रवक्ता के अनुसार इसमें कहा गया कि जनपद बलरामपुर, महराजगंज, श्रावस्ती, बहराइच तथा सोनभद्र में थारू जनजाति की जनसंख्या अधिक है, जिन्हें इनकी पारंपरिक खेती, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, सब्जी उत्पादन को प्रोत्साहन देकर इन्हें बाजार से जोड़कर सीधे लाभ पहुंचाया जा सकता है। 

 

 

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