Edited By Deepika Rajput,Updated: 24 Jun, 2019 09:33 AM
लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के प्रचारकों की भविष्यवाणी को सही ठहराते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हार का ठीकरा फोड़ा है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को टिकट देने से बचने की रणनीति के चलते गठबंधन को शिकस्त का सामना करना...
लखनऊः लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के प्रचारकों की भविष्यवाणी को सही ठहराते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हार का ठीकरा फोड़ा है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को टिकट देने से बचने की रणनीति के चलते गठबंधन को शिकस्त का सामना करना पड़ा।
मायावती ने कहा कि अखिलेश लोकसभा चुनाव में मुसलमानों को टिकट देने से डर रहे थे। उनका मानना था कि इससे ध्रुवीकरण होगा और बीजेपी को फायदा हो जाएगा। इसके अलावा सपा के पदोन्नति में आरक्षण देने की खिलाफत ने भी दलित, पिछड़ों को नाराज किया और उन्होंने गठबंधन की बजाय बीजेपी को वोट दिया। उन्होंने कहा कि सपा सरकार के शासनकाल में दलितों पर हुआ अत्याचार भी गठबंधन प्रत्याशियों की हार का सबब बना। कई जगह सपा नेताओं ने बसपा उम्मीदवारों को हराने का काम किया।
उन्होंने कहा कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी से मिलकर ताज कॉरिडोर में उन्हें फंसाने की कोशिश की। चुनाव परिणाम आने के बाद सपा अध्यक्ष ने उनसे एक बार भी बात करने की जरूरत नहीं समझी, जबकि मैंने बड़े होने का फर्ज निभाते हुए अखिलेश को फोन कर उनके परिवार के हारने पर अफसोस जताया था।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने गठबंधन किया था। चुनाव परिणाम में बसपा को जहां 10 सीटों का फायदा हुआ था वहीं सपा को 5 सीटें मिली थीं। हालांकि सपा को परिवार की 2 सीटों से हाथ धोना पड़ा था। वहीं रालोद का खाता भी नहीं खुल सका था।