मायावती ने भाई -भतीजे को सुनाई खरी खोटी, कहा- पार्टी हित में जो काम करेगा उसे आगे बढ़ाया जाएगा

Edited By Ramkesh,Updated: 17 Mar, 2025 07:59 PM

mayawati reprimanded brother and nephew said whoever works for the party

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को कहा कि उनके लिए रिश्ते-नाते, भाई-बहन उनके लिए महज बहुजन समाज के लोगों के बराबर ही हैं। मायावती ने कहा कि इसके अलावा बहुजन समाज से जो भी पार्टी हित में काम करेगा, उसे पार्टी में आगे बढ़ाया...

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को कहा कि उनके लिए रिश्ते-नाते, भाई-बहन उनके लिए महज बहुजन समाज के लोगों के बराबर ही हैं। मायावती ने कहा कि इसके अलावा बहुजन समाज से जो भी पार्टी हित में काम करेगा, उसे पार्टी में आगे बढ़ाया जाएगा और इस पर उनके रिश्ते-नाते आड़े नहीं आएंगे। बसपा सुप्रीमो ने राजधानी में सोमवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस दौरान उन्होंने सामाजिक परिवर्तन और जातिवादी मानसिकता से हटकर बहुजन समाज को सम्मान दिलाने की बात कही।

स्वार्थ में कभी भी खुद को कमजोर नहीं पड़ने दूंगी
उन्होंने कहा कि होली सहित अन्य विभिन्न त्योहारों के बीच इस बार कांशीराम जी की जयंती जिस अति उत्साह और जोश के साथ मनाकर उनके अनुयायियों ने अपनी पार्टी को हर स्तर पर मजबूत बनाने का जो संकल्प लिया है, उसने पार्टी को मजबूती देने के लिए उनकी हिम्मत और हौसले को कई गुना बढ़ा दिया है। मायावती ने कहा, '' मैं हमेशा की तरह, आगे भी अपने जीते-जी अपने व्यक्तिगत तथा भाई-बहिन व अन्य रिश्ते-नातों आदि के स्वार्थ में कभी भी खुद को कमजोर नहीं पड़ने दूंगी।

मेरे लिए केवल बहुजन समाज का ही एक अंग
उन्होंने कहा, ''वैसे भी मेरे भाई-बहिन व अन्य रिश्ते-नाते आदि मेरे लिए केवल बहुजन समाज का ही एक अंग है, उसके सिवाय कुछ भी नहीं है। इसके अलावा पार्टी व बहुजन आंदोलन के हित में बहुजन समाज के जो भी लोग अपनी पूरी ईमानदारी व निष्ठा से कार्य करते हैं, तो उन्हें पार्टी में जरूर आगे बढ़ने का मौका दिया जायेगा और इस मामले में मेरे रिश्ते-नाते आड़े नहीं आयेंगे। मायावती का यह बयान यहां इसलिये महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में दो मार्च को उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाने के साथ ही बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसके साथ ही यह भी घोषित किया था कि जब तक वह जीवित हैं, उनका कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा।

वक्फ बिल पर राजनीति करना चिंता का विषय
बसपा प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा, '' यहां मैं यह भी कहना चाहूंगी कि देश के प्रधानमंत्री बीच-बीच में अपनी खुद की गरीबी का तो जरूर उल्लेख करते रहते हैं, लेकिन इन्होंने दलित व अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों की तरह यहां कभी भी कोई जातीय भेदभाव नहीं झेला है, जो यह सब हमारे संतों, गुरुओं व महापुरुषों ने झेला है, जिसे अभी भी इनके अनुयायी काफी हद तक झेल रहे हैं।'' उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, '' पिछले कुछ समय से वक्फ बिल पर भी सत्ता व विपक्ष द्वारा जो राजनीति की जा रही है, तो यह भी अति-चिंता की बात है और यदि यह मामला समय रहते आम-सहमति से सुलझा लिया जाता तो ज्यादा बेहतर होता। केन्द्र सरकार इस मामले में जरूर पुनः सोच-विचार करे।    

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