Edited By Deepika Rajput,Updated: 03 Jun, 2018 03:19 PM
उत्तर प्रदेश में मथुरा का क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) कार्यालय एक बार फिर उस समय विवाद में आ गया जब 2 मृतकों के चालक लाइसेंस बनाने का खुलासा हुआ।
मथुरा: उत्तर प्रदेश में मथुरा का क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) कार्यालय एक बार फिर उस समय विवाद में आ गया जब 2 मृतकों के चालक लाइसेंस बनाने का खुलासा हुआ।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी बबिता वर्मा ने बताया कि छाता इलाके के नौगांव के मसानी थोक निवासी वीरेन्द्र का 19 अप्रैल, 2018 को स्थायी लाइसेंस बनाया गया है, जबकि उसकी मौत फरह क्षेत्र के कुरकंडा गांव के पास ट्रक से कुचलकर 26 नवंबर 2017 को हो गई थी। इस मामले में कार्यालय में कार्यरत एक क्लर्क को नोटिस दिया गया है। वर्मा ने बताया कि दूसरा लाइसेंस गोविंदनगर क्षेत्र के आशानगर कालोनी जयसिंहपुरा निवासी चेतराम जादौन का बनाया गया है। वह 7 मई, 2017 को एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। जिसकी इलाज के दौरान 9 जुलाई, 2017 को मौत हो गई थी। उसका लर्निंग लाइसेंस 22 मार्च, 2018 को बनाया गया है।
गौरतलब है कि एआरटीओ कार्यालय से इसके पूर्व में आतंकी अजमल का लाइसेंस उस समय बना दिया गया था जब वह जेल में था। इसी प्रकार दिल्ली परिवहन निगम चालकों के लाइसेंस की चेकिंग के दौरान कई लाइसेंस ऐसे मिले थे जो नकली थे। उनके लाइसेंस मथुरा में बने थे।