Edited By Deepika Rajput,Updated: 22 Aug, 2018 05:22 PM
हर प्राणी अपनी जन्मभूमि से जुड़ा होता है। वह उससे अलग अपने अस्तित्व को पूर्ण नहीं मानता। हम कहीं भी चले जाएं, विदेशों में कितने भी सुख मिले, पर हम वापस अपने देश ही आना चाहते हैं। जो रिश्ता हमारा अपने देश से है वो कभी नहीं छूटता। इसकी ताजी मिसाल आलोक...
लखनऊः हर प्राणी अपनी जन्मभूमि से जुड़ा होता है। वह उससे अलग अपने अस्तित्व को पूर्ण नहीं मानता। हम कहीं भी चले जाएं, विदेशों में कितने भी सुख मिले, पर हम वापस अपने देश ही आना चाहते हैं। जो रिश्ता हमारा अपने देश से है वो कभी नहीं छूटता। इसकी ताजी मिसाल आलोक सिंह और उनकी पत्नी मोनिका हैं। जो देश सेवा के लिए अमेरिका में अच्छी नौकरी और आरामदेह जीवन छोड़कर स्वदेश वापस आ गए।
उत्तर प्रदेश आकर समाज की बेहतरी के लिए शुरू किया काम
आलोक सिंह ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु से मास्टर्स इन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। आलोक अमेरिका में दुनिया की नंबर वन सेमीकंडक्टर कंपनी में 2008 से काम कर रहे थे। 2012 के अन्ना आंदोलन से प्रेरित होकर आलोक ने आरामदायक नौकरी छोड़कर स्वदेश का रूख किया। वो कुछ समय तक इस आंदोलन से जुड़े रहे। बाद में उन्होंने उत्तर प्रदेश आकर समाज की बेहतरी के लिए काम करना शुरू कर दिया।
बच्चों की सुरक्षा को जरूरी मानते हुए ‘मिशन भरोसा’ किया लांच
आलोक की पत्नी मोनिका भी पति के इस काम में कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। पिछले 11 महीनों में दंपति ने लखनऊ और कानपुर देहात में शौचालय बनवाए हैं। इसके अलावा दोनों ने बच्चों की सुरक्षा को जरूरी मानते हुए ‘मिशन भरोसा’ लांच किया है। आलोक और मोनिका ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल के पीछे की झुग्गी में रहने वाले बच्चों की शिक्षा की तैयारी भी की है।
मदद के लिए आगे आया गैर सरकारी संगठन
बता दें, दंपति की लगन देखकर एक गैर सरकारी संगठन सेवा इंटरनेशनल भी इनकी मदद के लिए आगे आया है।