Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 15 Mar, 2019 12:23 PM
दुनियां में ब्रज की होली अनूठी है। इसमें भी अनूठी है बरसाने की लठमार होली, लेकिन लठमार होली से पहले लाडली जी मंदिर पर आसमान से लड्डू बरसे तो बहुत सुखद अनुभूति होती है। दोपहर बाद करीब 3 बजे से ही श्रद्धालुओं का रेला श्रीजी मंदिर में उमड़ने लगा था।...
मथुराः दुनियां में ब्रज की होली अनूठी है। इसमें भी अनूठी है बरसाने की लठमार होली, लेकिन लठमार होली से पहले लाडली जी मंदिर पर आसमान से लड्डू बरसे तो बहुत सुखद अनुभूति होती है। दोपहर बाद करीब 3 बजे से ही श्रद्धालुओं का रेला श्रीजी मंदिर में उमड़ने लगा था। राधारानी के दर्शनों के लिए श्रद्धालु व्याकुल हो रहे थे, जैसे ही शाम के 4 बजे पट खुले तो लड्डू होली शुरु हुई।
श्रद्घालु बोले..उठो होरी खेले तो आइ जइयो बरसाने रसिया.., कान्हा तोइ ए बुलाए गई नथवारी, ओ कान्हा..। भक्तों ने श्री जी के दर्शन कर उन्हें गुलाल और लड्डू अर्पित किए। गोस्वामी गायन में जुटे थे। इस अवसर पर 'नंदगांव कौ पाड़ौ ब्रज बरसाने आयो', 'होरी कौ पकवान भर भर झोरी खायौ' गायन हुआ।
साद रुपी लड्डू को लूटने के लिए असंख्य हाथ उपर उठे दिखाई दिए। युवक, बालक वृद्ध व महिलाएं सभी झोली फैलाए लड्डू पाने की होड़ में थे।