Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 24 Mar, 2021 01:20 PM
राजधानी लखनऊ के सीविल अस्सपाल में कार्यरत डॉ. नितिन मिश्रा ने कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लिए हैं, इसके बावजूद वह जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसके चलते उन्हें घर पर ही क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है। डॉ. नितिन मिश्रा ने वैक्सीन के दोनों डोज़ ले...
लखनऊ: राजधानी लखनऊ के सीविल अस्सपाल में कार्यरत डॉ. नितिन मिश्रा ने कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लिए हैं, इसके बावजूद वह जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसके चलते उन्हें घर पर ही क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है। डॉ. नितिन मिश्रा ने वैक्सीन के दोनों डोज़ ले लिए उसके बाद उनको बुखार और सर्दी, जुकाम की दिक्कत पेश आई जांच कराने पर उनके होश उड़ गए जब वह कोविड-19 पॉजिटिव निकले। लखनऊ के सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने इस बात की पुष्टि की है।
इस बारे में जानकारी देते हुए लखनऊ के पूर्व सीएमओ रहे और मौजूदा वक्त में हिंद मेडिकल कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे डॉ एसएनएस यादव का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन को लेकर लोगों के अंदर कई तरह की मिथ भी हैं। डॉ एसएनएस यादव का कहना है, "किसी भी टीके की सफलता का दर 70 से 75 फीसद ही होती है। देश भर में वैक्सीनेशन के बड़े स्तर पर कार्य दशकों से चल रहे हैं। वैक्सीनेशन हमेशा 100 फीसद कारगर नहीं होता है इसलिए कोविड-19 के मामले में भी हमें बहुत ज्यादा सफलता की दर नहीं मानना चाहिए।"
वैक्सीन लगवाने के बाद भी क्यों होता है कोरोना:-
- जिस व्यक्ति को टीका लगा हो उसकी इम्युनिटी बेहद कम हो और टीका लगने के बाद भी एंटीबॉडी ना बनी हो।
- हो सकता है कि जिस व्यक्ति को टीका लगा हो उसमें इम्युनिटी सिस्टम बना जरूर हो लेकिन कोरोना वायरस हायर लोड का हो और उसने एंटीबॉडी को ही दबा दिया हो।
- वैक्सीनेशन की सफलता का दर क्योंकि 70 से 75% के बीच होता है ऐसे में इस बात की भी उम्मीद है कि जिस व्यक्ति को कोविड-19 का टीका लगा हो वह व्यक्ति असफल टीकाकरण के दायरे में आ गया हो।