Edited By Anil Kapoor,Updated: 30 Apr, 2020 03:35 PM
कोरोना वायरस से बचाव केे लिए जारी किए गए लॉकडाउन में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों का बुरा हाल है। वहीं पेंशन पर गुजारा करने वाले बुजुर्गों की और भी शामत आई हुई है। ऐसा एक भावुक नजारा कानपुर में देखने को मिला। जहां एक बुजुर्ग महिला को....
कानपुर: कोरोना वायरस से बचाव केे लिए जारी किए गए लॉकडाउन में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों का बुरा हाल है। वहीं पेंशन पर गुजारा करने वाले बुजुर्गों की और भी शामत आई हुई है। ऐसा एक भावुक नजारा कानपुर में देखने को मिला। जहां एक बुजुर्ग महिला को इलाज के लिए हाथ ठेला पर लाद कर पहले बैंक ले जाना पड़ा और फिर उसके अकाउंट से पेंशन की रकम निकाल कर उसकी दवा दारू का इंतजाम हो सका।
जानकारी मुताबिक इन दिनों आपको टीवी चैनलों पर कई ऐसे सेलिब्रिटी के संदेश दिखाई पड़ेंगे, जो आपसे कोरोना को हराने के लिए घर पर रहने की सलाह देते हैं। आज हम एक ऐसा मामला बताने को विवश हुए हैं जो बुजुर्गों के साथ आ रही दिक्कतों को दिखाएगा। कानपुर की सड़कों पर एक युवक अपनी बूढ़ी मां को हाथठेले पर लाद कर ले जाने को मजबूर है। उसकी मां बहुत बीमार है, लेकिन ये बेटा भी उन बेरोजगार हुए युवाओं में से एक है जो लॉकडाउन के कारण इतनी तंगहाली में पहुंचे चुके हैं कि वे अपने बूढे मां-बाप का इलाज कराने के लिए भी पैसों का जुगाड़ नहीं कर पा रहे हैं ।
बता दें कि इस बेटे के पास भी जब पैसों का जुगाड़ नहीं बना तो हारकर इसने अपनी बूढ़ी मां को अपने घर नजीर बाद से जवाहर नगर स्थित बैंक तक लगभग 3 किलोमीटर तक ठेले में लिटा कर उसे बैंक तक ले गया। इसके बाद बीमार बूढ़ी औरत ने अपने अकाउंट से वृद्धावस्था पेंशन के 100 रुपए निकाले और खुद अपनी दवाओं का इंतजाम किया। इस मामले के जरिए हम जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और तमाम समाज सेवी संगठनों को उन हालातों से वाकिफ कराना चाहते हैं, जो इस समय लोगों के सामने आ रही है। राशन-पानी के अलावा इनके इलाज की व्यवस्था भी होनी चाहिए।