Edited By Mamta Yadav,Updated: 06 Jun, 2024 12:10 AM
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना को संगीत घराने के साथ साथ रूढ़िवादी सोच के लिए जाना जाता है लेकिन महिलाओं को सम्मान और प्रतिनिधित्व देने के मामले में यह क्षेत्र आधुनिक इलाकों से भी ज्यादा प्रगतिशील है।
Saharanpur News:पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना को संगीत घराने के साथ साथ रूढ़िवादी सोच के लिए जाना जाता है लेकिन महिलाओं को सम्मान और प्रतिनिधित्व देने के मामले में यह क्षेत्र आधुनिक इलाकों से भी ज्यादा प्रगतिशील है। वर्ष 1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने अपनी पत्नी गायत्री चौधरी को चुनाव लड़ाया और वह सफल हो गईं। 1984 में मायावती चुनाव लड़ी लेकिन बुरी तरह पराजित हुईं। सपा उम्मीदवार इकरा हसन की मां तब्बसुम हसन यहां से चुनाव लड़ी और जीतीं। उनके पति मुनव्वर हसन भी सांसद रहे।
प्रोफेसर बनने का टूटा ख्वाब
बता दें कि इकरा हसन लंदन में पढ़ाई करने के लिए घर छोड़कर गई थी। साल 2022 में वह पीएचडी कर रही थी, लेकिन इकरा की मां पूर्व सांसद तबस्सुम हसन और भाई विधायक नाहिद हसन पर मुकदमा दर्ज होने के चलते वह पढ़ाई को बीच में छोड़कर घर वापस लौट आई। इसके बाद पुलिस ने उनके भाई को चुनाव से पहले जेल भेज दिया था। विधानसभा 2022 में नाहिद हसन को जीताने के लिए इकरा ने पहली बार कैंपेन को लीड़ किया था। लोगों के बीच में गई और उनके भाई ने जीत दर्ज करली।
इकरा हसन ने बताया कि इससे पहले कभी राजनीति में आने की इच्छा नहीं थी,लेकिन फिर जनता का प्यार और आशीर्वाद मिला तो राजनीति में कदम बढ़ाया। उन्होंने बताया कि वह पिछले दो सालों से ही लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी कर रही थी। यहीं कारण रहा है कि इकरा ने बड़े अंतर से जीत दर्ज करली।