Edited By Deepika Rajput,Updated: 13 Mar, 2019 12:22 PM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 41610 सिपाही भर्ती में दाखिल विशेष अपील पर पुलिस भर्ती बोर्ड और राज्य सरकार से पूछा है कि क्या व्हाइटनर लगाने वाले 4429 अभ्यर्थियों को विज्ञापित 41610 पदों के सापेक्ष समायोजित किया गया है या फिर उनको 3295 रिक्त बचे पदों के...
प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 41610 सिपाही भर्ती में दाखिल विशेष अपील पर पुलिस भर्ती बोर्ड और राज्य सरकार से पूछा है कि क्या व्हाइटनर लगाने वाले 4429 अभ्यर्थियों को विज्ञापित 41610 पदों के सापेक्ष समायोजित किया गया है या फिर उनको 3295 रिक्त बचे पदों के सापेक्ष कैरी फरवार्ड किया गया है।
न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की पीठ प्रमोद कुमार सिंह और अन्य की विशेष अपील पर सुनवाई कर रही है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि 41610 सिपाही भर्ती में अंतिम चयन के बाद विशेष आरक्षित कोटे की 2312 सीटें योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण रिक्त रह गई, जिसे अगली भर्ती के कैरी फारवर्ड कर दिया गया। इसे उपेंद्र तोमर एवं अन्य की याचिका दायर कर भर्ती परिणाम को चुनौती दी गई। कोर्ट ने क्षैतिज आरक्षण के प्रावधान को शून्य घोषित करते हुए बचे हुए पदों के योग्य अभ्यर्थियों से भरने का निर्देश दिया। इसके बाद पुलिस भर्ती बोर्ड ने 8678 अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए बुलाया।
इसे यह कहते हुए चुनौती दी गई कि बोर्ड ने ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को अधिक संख्या में बुलाया है। कोर्ट के पूछने पर सचिव भर्ती बोर्ड ने बताया कि बचे हुए पदों को व्हाइटनर लगाने वाले 4429 अभ्यर्थियों में समायोजित कर दिया है। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी, जिसके खिलाफ अब विशेष अपील दाखिल की गई है। कोर्ट ने इस मुद्दे पर 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।