Edited By Mamta Yadav,Updated: 30 Jun, 2024 03:02 AM
एसजीपीजीआई ने समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद लालजी वर्मा के उस बयान को झूठा और भ्रामक बताया है जिसमें उन्होंने एसजीपीजीआई, लखनऊ के न्यूरोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था।
Lucknow News: एसजीपीजीआई ने समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद लालजी वर्मा के उस बयान को झूठा और भ्रामक बताया है जिसमें उन्होंने एसजीपीजीआई, लखनऊ के न्यूरोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था।
चयन समिति ने उक्त अभ्यर्थी को योग्य नहीं पाया
बता दें कि बीते 13 मई को चयन के लिए हुए साक्षात्कार की वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए एसजीपीजीआई के प्रवक्ता ने कहा कि सांसद का कथन न केवल असत्य है, अपितु भ्रामक भी है। ऐसी सूचनाओं के प्रसार को रोकने में सभी को सहयोग करना चाहिए। प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि एसजीपीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग में ओबीसी संवर्ग के लिए आरक्षित असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पद पर चयन के लिए विगत 13 मई 2024 को संपन्न साक्षात्कार में डॉ. सर्वेश कुमार चौधरी चयन समिति के समक्ष उपस्थित हुए थे। चयन समिति में न्यूरोलॉजी के दो बाह्य विशेषज्ञ, संबंधित विभागाध्यक्ष, चिकित्सा शिक्षा विभाग और एसजीपीजीआई के चेयरमैन के एक-एक प्रतिनिधि के अतिरिक्त ओबीसी और एससी संवर्ग के लाइजन ऑफिसर सम्मिलित थे। चयन समिति ने उक्त अभ्यर्थी को चयन के लिए योग्य नहीं (नॉट फाउंड सूटेबल) पाया।
सर्वेश चौधरी एकमात्र अभ्यर्थी थे...
प्रवक्ता ने बताया कि चूंकि उक्त रिक्त पद आरक्षित संवर्ग का था और डॉ. सर्वेश कुमार चौधरी एकमात्र अभ्यर्थी थे। ऐसे में उन्हें योग्य नहीं पाए जाने पर इस सीट को अद्यतन रिक्त रखा गया है। किसी भी अनारक्षित अभ्यर्थी का चयन इस पद पर नहीं किया गया है। निकट भविष्य में यह पद ओबीसी बैक लॉग सीट के माध्यम से पुनः विज्ञापित की जाएगी। बता दें कि सांसद लालजी वर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखे पोस्ट में अभ्यर्थी डॉ. सर्वेश वर्मा का चयन न होने की बात कहते हुए बड़े संस्थानों में ओबीसी अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव होने का आरोप लगाया था।