Edited By Mamta Yadav,Updated: 08 Aug, 2022 12:05 PM
पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले दिनों हुई तेज बारिश और तमाम बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले के कर्नलगंज तहसील में घाघरा नदी सोमवार को खतरे के निशान को पार कर गयी। जिला प्रशासन की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक घाघरा का जलस्तर...
गोण्डा: पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले दिनों हुई तेज बारिश और तमाम बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले के कर्नलगंज तहसील में घाघरा नदी सोमवार को खतरे के निशान को पार कर गयी। जिला प्रशासन की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक घाघरा का जलस्तर तेजी से बढ़ने के बाद एल्गिन ब्रिज पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। नदी इस समय खतरे के निशान से 17 सेमी ऊपर बह रही है। इससे आसपास के इलाकों में, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खौफजदा हैं।
जिले के नवाबगंज तहसील क्षेत्र में उफनायी सरयू नदी भी खतरे के निशान से मात्र 03 सेंमी नीचे बह रही है। सरयू की धारा माझा क्षेत्र के दर्जनों तटीय गांवों तक फैलने लगी है। आपदा प्रबंधन सूत्रों के अनुसार, दोनों नदियों के तेज प्रवाह से प्रभावित हो रहे गांवों में नकहरा, प्रतापपुर, घरकुंडली घरकुंइया, काशीपुर, दत्तनगर, साकीपुर, तुलसीपुर, गोकुला, इन्दरपुर, जैतपुर, माझाराठ, दुर्गागंज, महेशपुर समेत करीब 30 तटवर्ती गांव बाढ़ के पानी से घिरते जा रहे हैं। जबकि दोनों नदियों का धीरे धीरे जलविस्तार क्षेत्र बढ़ने के कारण आसपास के गांवों में बसे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर भेजने की तैयारी शुरु की जा रही है। घाघरा के निरन्तर बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ की विभीषिका की आशंका से किसान खौफजदा है।
निचले भू-भाग के खेतों में पानी आ जाने से फसलें प्रभावित होने लगी है। जबकि अगली फसल के लिए खेतों को तैयार करने की किसानों की कोशिशों पर भी ग्रहण लग गया है। आपदा प्रबंधन सूत्रों के अनुसार, सभी 24 बाढ़ चौकियों पर तैनात आपदाकर्मी एलर्ट मोड पर है। इन चौकियों पर लगे स्वास्थ्य, पशु विभाग, राजस्व और पंचायत विभाग के कर्मियों को उपस्थित रहकर स्थिति पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होनें बताया कि नदियों के तेज बहाव की ठोकरों से बंधों को बचाने के लिये निरन्तर मरम्मत कार्य जारी है।