Edited By Deepika Rajput,Updated: 31 Oct, 2018 04:25 PM
मेरठ के बहुचर्चित हाशिमपुरा नरसंहार मामले में फैसला आने के बाद पीड़ित परिवारों मे खुशी की लहर दौड़ गई है। लोगों ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए मिठाइयां बांटी। साथ ही उनको इस बात की मायूसी भी है कि उन्हें मुआवजा देने के जो वायदे किए गए वो पूरे नहीं...
मेरठः मेरठ के बहुचर्चित हाशिमपुरा नरसंहार मामले में फैसला आने के बाद पीड़ित परिवारों मे खुशी की लहर दौड़ गई है। लोगों ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए मिठाइयां बांटी। साथ ही उनको इस बात की मायूसी भी है कि उन्हें मुआवजा देने के जो वायदे किए गए वो पूरे नहीं हुए।
बता दें कि, मेरठ में 31 साल पहले हुए हाशिमपुरा कांड में दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया है। दिल्ली हाइकोर्ट कोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट के फैसले को पलटते हुए हाशिमपुरा कांड के आरोपी 16 पीएसी के जवानों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीस हजारी कोर्ट ने आरोपी 19 पीएसी के जवानों को बरी करने का फैसला सुनाया था। जिसमें से 3 जवानों की मौत हो चुकी है।
दरअसल, 1987 में मेरठ में हुए दंगे के बाद पीएसी के जवान हाशिमपुरा मुहल्ले के 42 मुसलमानों को अपने साथ ले गए। आरोप है कि पीएसी और पुलिस के जवानों ने सभी मुसलमानों को गंगनहर के पास खड़ाकर गोलियों से छलनी कर दिया गया और उनके शव नहर में फेंक दिए गए। मृतकों के घरवालों को पुलिस काफी समय तक टरकाती रही। पुलिस की तरफ से जबाव न मिलने के बाद जब मामले ने तूल पकड़ा तो मामला कई अदालतों से होता हुआ अंत में सुप्रीम कोर्ट में जा पहुंचा।
इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने आरोपी बनाए गए पीएससी के 19 जवानों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था, जिसे पीड़ित पक्ष ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।