ऊर्जा मंत्री के आश्वासन के बाद बिजली कर्मियों ने खत्म की हड़ताल, कहा- समाधान नहीं हुआ तो फिर से करेंगे कार्य का बहिष्कार

Edited By Ajay kumar,Updated: 04 Dec, 2022 09:36 PM

electricity workers end strike after assurance from energy minister

ऊर्जा मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा से वार्ता के बाद बिजली कर्मियों ने शनिवार को पांच दिनों से चल रहे कार्य बहिष्कार को समाप्त कर दिया। इस दौरान विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि 15 दिनों के दौरान अगर उनकी मांगों का...

लखनऊ: ऊर्जा मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा से वार्ता के बाद बिजली कर्मियों ने शनिवार को पांच दिनों से चल रहे कार्य बहिष्कार को समाप्त कर दिया। इस दौरान विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि 15 दिनों के दौरान अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ तो फिर से कार्य बहिष्कार किया जाएगा। समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि ऊर्जा मंत्री और मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने संघर्ष समिति के साथ वार्ता की। ऊर्जा मंत्री ने सभी 15 मांगों पर सकारात्मक आश्वासन दिया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई 6 को
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने जनहित याचिका कायम कर पूछा था कि हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा एक्ट के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही ? बिजली सप्लाई तुरंत बहाल करने का निर्देश दिया था। कोर्ट को बताया गया कि ऊर्जा मंत्री और कर्मचारी संगठन में बातचीत के बाद हड़ताल वापस ले ली गई है। ऐसे में मामले में अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी।

रैली में 27 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर होंगे शामिल
फेडरेशन ने रविवार को एक बयान में बताया कि विद्युत (संशोधन) विधेयक 2022 के विरोध में और पुरानी पेंशन की बहाली, बिजली कंपनियों के एकीकरण, बाहर से नियुक्ति समाप्त कर संविदा कर्मियों को नियमित करने की मांग को लेकर बिजली कर्मचारी और इंजीनियर दिल्ली में प्रदर्शन व रैली करेंगे। रैली रामलीला मैदान से प्रारंभ होकर जंतर मंतर तक जाएगी। देश के तमाम 27 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर ऐसे किसी भी कदम के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने हेतु बाध्य होगें और देश के सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर ऊर्जा क्षेत्र और बिजली उपभोक्ताओं के व्यापक हित में इसके लिए पुरजोर विरोध करने की अपील की गयी है। श्री दुबे ने केंद्रीय विद्युत मंत्री आर के सिंह के बयान को भ्रामक और जनता के साथ धोखा बताते हुए कहा की इस संशोधन के जरिए उपभोक्ताओं को विकल्प देने की बात पूरी तरह गलत है। दरअसल इससे केंद्र सरकार बिजली वितरण हेतु निजी घरानों को सरकारी बिजली वितरण के नेटवर्क के जरिए बिजली आपूर्ति करने की सुविधा देने जा रही है।

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